बेलदौर : देश के प्रधानमंत्री भले ही स्वच्छता अभियान का ढिढोंरा पिट रहे हो लेकिन सरकारी कर्मियों पर ही इसका कोई खास असर नहीं पड़ रहा है.
प्रखंड क्षेत्र का एक मात्र प्राथमिक स्वास्थय केंद्र गंदगी व जलजमाव के कारण सरकार की स्वर्णिम योजना स्वच्छ व निर्मल भारत अभियान की धज्जियां उड़ा रहा है.
बावजूद इसके समाधान को लेकर अबतक कोई ठोस पहल नहीं हो पा रही है. इसके कारण स्वास्थ्य व स्वच्छता की जागरूकता फैलाने एवं संक्रमण की चपेट में आये मरीजों का ईलाज करने में पीएचसी पूरी तरह विफल साबित हो रहा है.
मरीजों के साथ साथ परिजन व पीएचसी कर्मी भी जलजमाव के कारण होने वाले बीमारी की चपेट में आने के भय से सहमे रहते हैं. पीएचसी परिसर तालाब में तब्दील हो गया. जल निकासी के अभाव में परिसर में जमा पानी सड़ गया है.
आउटडोर से आपातकालीन वार्ड व पीएचसी कर्मी आवास तक जाने के पहले मरीज व कर्मी को कई बार सोचना पड़ता है. बीते एक माह से परिसर का जलजमाव अब कई संक्रमित बीमारियों का कारण बनता जा रहा है. ऐसे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का ईलाज किस तरह हो रहा है इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
वहीं जलजमाव के कारण आउटसोर्सिंग द्वारा सेवा दी जा रही जेनसेट व एंबुलेंस भी पानी से जंग खा रही हैं. कहते हैं पीएचसी प्रभारी पीएचसी प्रभारी डॉ देवेंद्र प्रसाद ने बताया कि परिसर से जल निकासी को लेकर कई बार विभाग को पत्राचार किया गया. लेकिन अबतक कोई निर्देश नही मिला है. बीच बीच में पंपसेट से पानी निकाला जाता है, लेकिन बारिश होने पर स्थिति यथावत हो जाती है. जलजमाव के कारण मरीज समेत कर्मियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.