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हाइकोर्ट में 24 को होगी सुनवाई
परबत्ता प्रकरण : सांसद पप्पू यादव की जनहित याचिका स्वीकार खगड़िया : 27 जुलाई को परबत्ता के शिरोमणि टोला में महादलित परिवारों पर हुए अत्याचार को लेकर पटना उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका स्वीकार कर ली गयी है. सोमवार को हाइकोर्ट के प्रभारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी सहित दो सदस्यीय बेंच के समक्ष […]
परबत्ता प्रकरण : सांसद पप्पू यादव की जनहित याचिका स्वीकार
खगड़िया : 27 जुलाई को परबत्ता के शिरोमणि टोला में महादलित परिवारों पर हुए अत्याचार को लेकर पटना उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका स्वीकार कर ली गयी है. सोमवार को हाइकोर्ट के प्रभारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी सहित दो सदस्यीय बेंच के समक्ष सांसद पप्पू यादव ने दलील पेश की. हाइकोर्ट ने सांसद पप्पू यादव की दलील को सुनने के बाद जनहित याचिका स्वीकार करते हुए 24 अगस्त को सुनवाई की अगली तिथि निर्धारित की है.
सांसद श्री यादव ने बताया कि उच्च न्यायालय के दो सदस्यीय बेंच के समक्ष घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. उन्होंने कोर्ट के समक्ष कहा कि किस तरह दबंग की लड़की को भगाने के विरोध में 80 महादलित परिवारों पर अत्याचार किया गया. 250 से 300 की संख्या में आये हमलवारों ने महादलित परिवारों की महिलाओं व बच्चों की बुरी तरह पिटाई करते हुए उनकी आबरू के साथ भी खिलवाड़ किया. घर-द्वार, गहने पैसे, पालतू पशु तक लूट लिये गये.
उन्होंने उच्च न्यायालय की पीठ के समक्ष कहा कि किस तहर सत्ताधारी दल की सह पर स्थानीय पुलिस प्रशासन आरोपियों को बचाने का काम कर रहा है. नामजद 51 आरोपियों में अब तक मात्र आठ की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए सांसद ने कहा कि सत्ताधारी दल के नेताओं के इशारे पर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है.
उन्होंने घटना के वीभत्स रूप को देखते हुए न्यायालय से पूरी घटना की न्यायिक जांच या सीबीआइ जांच की मांग करते हुए कहा कि सत्ताधारी दल के दबाव में पूरे मामले को दबाने की साजिश की जा रही है. सांसद ने एक बार फिर परबत्ता के शिरोमणि टोला के पीड़ितों को न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखने का एलान किया है.
शिरोमणि टोला में 30 लाख से अधिक के क्षति का आकलन टीम ने किया
परबत्ता. प्रखंड के नयागांव शिरोमणि टोला में 27 जुलाई को दबंगों द्वारा दलितों के साथ मारपीट व लूट पाट की घटना में जिला प्रशासन द्वारा आर्थिक क्षति का आकलन किया गया है.
प्रशासन के द्वारा किये गये आकलन के अनुसार इस घटना में 30 लाख से अधिक की आर्थिक क्षति हुई है. घटना के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश से गठित पांच सदस्यीय टीम ने घटना में पीड़ित परिवारों के टोले में घर-घर जाकर आकलन किया. समिति के द्वारा 69 परिवारों को हुई क्षति का आकलन किया गया.
इसके अनुसार, घटना में 30 लाख 37700 रुपये की क्षति होने का अनुमान लगाया गया है. हालांकि क्षति का यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है. समिति द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार लगभग 15 परिवार अभी गांव से बाहर हैं. उनको हुई क्षति का आकलन बाद में किया जायेगा. पीड़ित परिवारों को इस घटना में हुई क्षति का मुआवजा मिल सकता है.
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