प्रतिनिधि, अलौलीपिछले दो वर्ष में चार थानाध्यक्षों पर गाज गीर चुकी है, लेकिन यहां प्रतिनियुक्त किये जाने वाले थानाध्यक्ष इससे सबक नहीं ले रहे हैं. हर दृष्टिकोण से यह थाना संवेदनशील है. इस कारण अलौली में पदस्थापन का नाम सुनते ही पुलिस अधिकारी कतराने लगते हैं. भाकपा नेता विंदेश्वरी साह की हत्या अगस्त 2013 में हुई. उसके बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष विश्वरंजन सिंह को निलंबित कर दिया गया. उसके बाद थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी हरेराम साह को दी गयी. चार दिन की छुट्टी पर गये हरे राम के चार्ज में एसआइ इम्तियाज झंकार को दिया. 21 मई 2014 को 20 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में निगरानी की टीम ने उन्हें दबोच लिया. तीन महीने बाद ही 22 अगस्त 2014 को थानाध्यक्ष हरे राम साह के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. वे भी 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए निगरानी के हत्थे चढ़ गये. उसके बाद सात मई को भाकपा नेता भागो देवी की हत्या के पश्चात कार्य में शिथिलता को लेकर पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्ष मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया. हालांकि एसआइ रामानुज सिंह को अलौली थाना का प्रभारी बनाया गया है, लेकिन अलौली थानाध्यक्ष की खोज की जा रही है. अब देखना यह है कि अलौली का कमान किसे मिलती है और कौन इस थाने की जिम्मेदारी को निष्ठापूर्वक निभाने के संकल्प से यहां आते हैं.
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अलौली थाना में दो वर्षों में चार पर गिरी गाज
प्रतिनिधि, अलौलीपिछले दो वर्ष में चार थानाध्यक्षों पर गाज गीर चुकी है, लेकिन यहां प्रतिनियुक्त किये जाने वाले थानाध्यक्ष इससे सबक नहीं ले रहे हैं. हर दृष्टिकोण से यह थाना संवेदनशील है. इस कारण अलौली में पदस्थापन का नाम सुनते ही पुलिस अधिकारी कतराने लगते हैं. भाकपा नेता विंदेश्वरी साह की हत्या अगस्त 2013 में […]
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