पिता सरोज सिंह बिलखते हुए बस यहीं रट लगा रहे थे कि छोटू हमे बोकारो स्कूल पहुंचाने का जिद दो दिन से कर रहा था. मैं उसे टालता रहा.मैं ही उसके मौत का जिम्मेवार हूं. हो बाबू हमरा की पता कि ऐसन घटना हो जैते. पीपड़ा निवासी सरोज सिंह के परिवार के सभी सदस्य सरहज के साथ पूर्णिया से लौट रहे थे. इस दौरान एनएच 31 पर खारो धार के समीप बोलेरो एक पेड़ से टकरा कर गड्डे में गिर गयी, जिसमें सरोज सिंह के पुत्र व पुत्री तथा शाला के नवजात पुत्र की मौत हो गयी.
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शव पहुंचते ही मचा कोहराम
चौथम:हो बाबू हमार छोटू, शिल्पी कहां गेलैय ओकरा लाय द न हो. मां की चीत्कार ने उपस्थित लोगों के दिल को दहला दिया. गुड्डी को अपने बेटा-बेटी की मौत पर विश्वास नहीं हो रहा था. उसे बस इतना पता था कि दुर्घटना में दोनों घायल हो गये हैं. दोनों को इलाज के लिए बेगूसराय ले […]
चौथम:हो बाबू हमार छोटू, शिल्पी कहां गेलैय ओकरा लाय द न हो. मां की चीत्कार ने उपस्थित लोगों के दिल को दहला दिया. गुड्डी को अपने बेटा-बेटी की मौत पर विश्वास नहीं हो रहा था. उसे बस इतना पता था कि दुर्घटना में दोनों घायल हो गये हैं. दोनों को इलाज के लिए बेगूसराय ले जाया गया है. जब एक साथ तीनों बच्चों का शव तुलसी पिंडा के आगे रखा गया. शव घर पहुंचते ही कोहराम मच गया. मां बार-बार अपने बेटे-बेटी के शव से चिपक कर अचेत हो जाती थी.
नहीं हो रहा यातायात नियमों का पालन
जिले में यातायात नियमों का पालन नहीं हो रहा है. इसके पालन के लिए जिला प्रशासन की तरफ से ही कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. इस कारण सड़क हादसों की संख्या बढ़ गयी है. लोगों का कहना है कि सड़क तो दिल्ली में भी चकाचक है. वहां गाड़ी की रफ्तार निर्धारित है, जो भी निर्धारित रफ्तार को पार करता है उसका चालान किया जाता है. इससे वहां दुर्घटना कम होती है. जिला प्रशासन को यहां भी कुछ ऐसे ही कदम उठाने होंगे.
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