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गर्मी का सितम जारी, हीट स्ट्रोक के खतरे से हर कोई परेशान, सड़कों पर नहीं दिख रहे वाहन

खगड़िया/गोगरी : गर्मी परवान पर है. तेज धूप एवं गर्म हवा की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. लोगों में हीट स्ट्रोक का खतरा बना हुआ है. तन को झुलसा देने वाली गर्मी के कारण लोग अपने घरों से निकलने में कतरा रहे हैं. गर्मी का सबसे अधिक असर स्कूल जाने वाले […]

खगड़िया/गोगरी : गर्मी परवान पर है. तेज धूप एवं गर्म हवा की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. लोगों में हीट स्ट्रोक का खतरा बना हुआ है. तन को झुलसा देने वाली गर्मी के कारण लोग अपने घरों से निकलने में कतरा रहे हैं. गर्मी का सबसे अधिक असर स्कूल जाने वाले बच्चों पर देखा जा रहा है. स्कूल आने व जाने के वक्त उन्हें कड़ी धूप का सामना करना पड़ रहा है
. राज्य सरकार की ओर से सभी सरकारी और निजी विद्यालय और कोचिंग संस्थान को आगामी 22 जून तक के लिए बंद करने का आदेश जारी किया गया है बावजूद कुछ निजी विद्यालय खुले हुए हैं. स्कूल संचालक की मनमानी के वजह से बच्चों और अभिभावक दोनों परेशान नजर आ रहे हैं. भीषण गर्मी के कारण सड़कों पर भी वाहनों का आवागमन भी कम दिखा.
चिकित्सक की सलाह
रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर चंद्रप्रकाश ने बताया कि गर्मी के मौसम में खाली पेट बाहर निकलने से लोगों को बचना चाहिए. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अचानक धूप से आने पर ठंडा पानी का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.
बाजार में पसरा सन्नाटा
कड़ाके की धूप के साथ लू ने आम लोगों को परेशान कर रखा है. हर दिन आसमान से आग बरस रही है. मंगलवार को जिले का अधिकतम तापमान 40 डिग्री रहा जबकि न्यूनतम 28 डिग्री रहा. जिसके वजह से उमस भरी गर्मी और हीट स्ट्रोक का खतरा बना रहा. यूं कहे कि गर्मी व लू से शहरी बाजारों में भी सन्नाटे का दौर चल रहा है.
10 बजते-बजते लू का असर परवान पर पहुंच जाता है. सबसे अधिक परेशानी कोचिंग के साथ विद्यालय जाने वाली छात्राओं व हर दिन व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों को हो रही है. पूरे दिन बाजार में सन्नाटा पसरा रहा है. यही कारण है कि दुकानदार भी नुकसान में चल रहे है. दूसरे तरफ बिजली की स्थिति भी बद से बदतर है.
इस समय अधिक खतरा
हीट स्ट्रोक हर व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता के आधार पर आ सकता है लेकिन, फिर भी कुछ लोगों को इसकी आशंका अधिक होती है.
तेज धूप में अधिक समय तक काम करने वालों को खतरा अधिक
अधिकतर हीट स्ट्रोक उस समय होता है, जब कोई शख्स बिना तरल पदार्थ लिए बहुत गर्म व आर्द्र मौसम में देर तक काम करता है.
शिशुओं, छोटे बच्चों या बुजुर्गों (विशेषकर 65 वर्ष से अधिक आयु) के मामले में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत
मधुमेह, मानसिक बीमारी, ब्लड प्रेशर की दवा खाने वाले, बहुत अधिक शराब पीने वाले या मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को खतरा अधिक गर्मी में बेहोशी की वजह बन रहा हीट स्ट्रोक जिले में पारा तेजी से चढ़ता जा रहा है. हीट स्ट्रोक की वजह से लोग बीमार होकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं.
चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि हीट स्ट्रोक (लू लगने ) पर मरीज को तुरंत अस्पताल के इमरजेंसी में ले जाना चाहिए. यह जानलेवा हो सकता है. कई लोग किसी भी तरह के डिहाइड्रेशन से जुड़े लक्षण को हीट स्ट्रोक कहते हैं. यह ठीक नहीं है. हीट स्ट्रोक के लक्षणों पर गौर किया जाये तो इससे बचा जा सकता है.
लक्षण
जरूरत से अधिक पसीना आना
ब्लड प्रेशर में कमी होना
मांशपेशियों में ऐंठन होना
डिहाइड्रेशन के साथ मिचली, चक्कर आना, कमजोरी व सुस्ती
हालांकि पीड़ित होशमें रहता है. लेकिन,बेहोश हो जाये तो समझिए उसे हीट स्ट्रोक हो सकता है.
बचाव
शुगर का कम इस्तेमाल करें
धूप में निकलने से बचें, खूब पानी पीयें
कैफीन व शराब से बचें
हल्के रंग के ढीले-ढाले कपड़े पहनें
बाहर निकलते समय छाते, टोपी या कपड़े से खुद को ढंकें

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