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अवैध दवा कारोबारियों पर होगी कार्रवाई

कार्रवाई. निबंधित दुकानों की भी नियमित निगरानी के निर्देश साल में कम से कम एक बार दुकानों की होगी जांच खगड़िया : दवा के अबैध कारोबार में लिप्त कारोबारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए है. ऐसे अबैध कारोबारियों को पकड़ने के लिए नियमित रूप से छापेमारी करने का आदेश दिया गया. दवा दुकानों को […]

कार्रवाई. निबंधित दुकानों की भी नियमित निगरानी के निर्देश

साल में कम से कम एक बार दुकानों की होगी जांच
खगड़िया : दवा के अबैध कारोबार में लिप्त कारोबारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए है. ऐसे अबैध कारोबारियों को पकड़ने के लिए नियमित रूप से छापेमारी करने का आदेश दिया गया. दवा दुकानों को लेकर दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जिला लोक शिकायत एडीएम विजय कुमार सिंह ने सहायक औषधि नियंत्रक को दिया है. जानकारी के मुताबिक बीते दिनों जनहित से जुड़े इस मामले को लेकर जिला लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत जिला कार्यालय में आवेदन दिए गया था. शिकायतकर्ता ने जिले में औषधि एवं प्रशाधन सामग्री नियमावली 1945 के नियम (1) का अनुपालन नहीं होने के साथ-साथ इसके लिए जिम्मेदार जांच पदाधिकारी (ड्रग इंसपेक्टर व सहायक औषधि नियंत्रक) पर कार्रवाई करने की मांग की थी.
इस मामले की सुनवाई करते हुए लोक शिकायत निवारण अधिकारी ने मानव जीवन के खिलबाड़ करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया. साथ-साथ दवा के फर्जी कारोबार में लिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है. लोक शिकायत एडीएम श्री सिंह ने औषधि नियंत्रक को शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित दवा दुकानों की नियमित जांच कराने का आदेश दिया है. बगैर निबंधन के दवा दुकान न चले, इसके लिए लगातार छापेमारी करने को कहा है. इसके अलावे निबंधित दवा दुकानों की भी जांच कराने को कहा गया है. ताकि वहां विभाग के आदेश व निर्धारीत मानक का शत-प्रतिशत अनुपालन हो सके. एडीएम ने प्रत्येक दवा दुकानों की जांच साल में कम से कम एक बार कराने को कहा है. ताकि दवा दुकानदार की मनमानी रोकी जा सके.
51 दुकानों की हुई जांच, तीन के लाइसेंस रद्द
सुनवाई के दौरान लोक प्राधिकार सह सहायक औषधि नियंत्रक रमेश कुमार ने पीजीआरओ को दवा दुकानों की जांच एवं कार्रवाई का लेखा-जोखा सौंपा. लोक प्राधिकार ने आवेदक के दावों/आरोपों को गलत बताते हुए दवा दुकानों की नियमित रूप से जांच किये जाने तथा अनियमितता पाए जाने के बाद कार्रवाई किए जाने की रिपोर्ट दी है. इन्होंने कहा है कि अक्टूबर 2017 से दिसम्बर माह तक जिले में 51 निबंधित दवा दुकानों की जांच की गई है. ड्रग इंस्पेक्टर के द्वारा 9 दवा दुकानों के विरुद्व रिपोर्ट दी गयी है. इनके प्रतिकूल रिपोर्ट के आधार पर 3 दवा दुकानदारों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. तथा एक के विरुद्व प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जो जेल में हैं.
िनयमित जांच से रुकेगी गड़बड़ी: एडीएम
अबैध रूप से चल रहे दवा दुकानों को बंद कराने, दुकनदार पर कार्रवाई करने सहित विभागीय मापदंडों के शत-प्रतिशत अनुपालन के लिए निबंधित दवा दुकानों पर निगरानी रखने व नियमित रूप से जांच कराने का आदेश दिया गया है. जांच से गड़बड़ियां रुकेगी और निर्धारित मापदंड का भी अनुपालन हो सकेगा. अगर जांच होती रहेगी तो डर से दवा दुकानदार न प्रतिबंधित दवा बेचेंगे और न ही एक्सपायरी व नोट फॉर सेल यानी अस्पताल में मुफ्त मिलने बाली दवा की बिक्री करेंगे. दवा खरीदने वालों को पक्के बिल भी दुकानदार देंगे. इतना ही नहीं दुकानदार अति-आवश्यक दवाओं के रख-रखाव पर भी ध्यान देंगे. बिना डाॅक्टर के पर्ची पर प्रतिबंधित दवा की बिक्री भी नहीं हो सकेगी. जांच होने से ऐसे कई गड़बड़ियां पर स्वतः रोक लग जाएगी. क्योंकि जब ड्रग इंस्पेक्टर जांच करने जायेंगे, तो उक्त सभी बातों की भी जांच करेंगे. मानव जीवन को गलत दवा से खतड़ा न हो इसके लिए सहायक औषधी नियंत्रक को अपने स्तर से ड्रग इंस्पेक्टर को जांच करने का निर्देश देने को कहा है. तथा 10 फरवरी तक उन्हें इस बात का रिपोर्ट देने को कहा गया है कि जांच की मुक्कमल व्यवस्था के लिए उन्होंने क्या किया है.
निबंधित दवा दुकानों की होती है जांच व कार्रवाई
निबंधित दवा दुकानों की जांच नियमित रूप से की जाती है. जांच के दौरान दुकानों में हर बिन्दुओं पर होती है. जहां भी अनियमितता पाई जाती है. उन दवा दुकानदारों के विरुद्ध रिपोर्ट की जाती है, और इन रिपोर्ट के आधार पर उनके विरुद्ध कार्रवाई भी होती है.
नागेन्द्र, ड्रग इंस्पेक्टर शहरी क्षेत्र.

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