खगड़िया : करोड़ों रुपये फूंकने के बाद भी खगड़िया रेलवे स्टेशन की धुलाई बंद है. संवेदक कह रहे हैं कि रेलवे पानी नहीं दे रहा है इसलिये झाड़ू से सफाई का काम चलाया जा रहा है तो रेल प्रशासन इसे सफेद झूठ करार दे रहा है. आईओडब्लू चंदन कुमार ने कहा कि प्लेटफाॅर्म पर पानी की कमी के बावजूद आउटसोर्सिंग एजेंसी को दो प्वाइंट मुहैया करवाया गया है लेकिन फिर भी प्लेटफाॅर्म की सफाई में आनाकानी हो रही तो इस बारे में स्टेशन प्रबंधक ही कुछ बता सकते हैं.
जबकि करार के मुताबिक ही आउटसोर्सिंग एजेंसी को प्लेटफाॅर्म पर पोंछा लगाना है. इधर, पानी का बहाना बना कर आउटसोर्सिंग एजेंसी झाड़ू के भरोसे सफाई कर लाखों रुपये का भुगतान जरूर हो जा रहा है. ऐसे में लाखों रुपये प्रति महीने भुगतान के बाद भी रेलवे स्टेशन के साफ होने के दावे पर प्रश्नचिह्न खड़ा होना लाजिमी है.
तुम भी चुप और हम भी खुश : बताया जाता है कि रेलवे स्टेशन की साफ सफाई में लापरवाही में तुम भी चुप और हम भी खुश वाला फार्मूला फिट बैठ रहा है. कुछ इसी तर्ज पर स्थानीय अधिकारी महीनों से प्लेटफाॅर्म पर पोंछा नहीं लगने के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. लिहाजा, आउटसोर्सिंग एजेंसी भी झाड़ू के सहारे प्लेटफाॅर्म साफ सुथरा होने का दावा कर रेलवे के उच्चाधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब हो जा रहे हैं. स्थानीय स्तर से साफ सफाई के प्रति कोई शिकायत नहीं होने का फायदा इन्हें भुगतान के रूप में मिल जा रहा है. तभी तो महीनों से प्लेटफाॅर्म पर पोंछा तक नहीं लग रहा है और स्थानीय रेल अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी इसे नजरअंदाज कर रहे हैं.
कई ट्रेनों के खुलने का इंतजार
सहरसा से खगड़िया,बेगूसराय,बरौनी बाईपास, लखीसराय, किऊल के रास्ते हावड़ा अथवा सियालदह के बीच,सहरसा से भागलपुर के बीच सुबह शाम एक्सप्रेस ट्रेन एवं सहरसा से मुंगेर के रास्ते रात्रि कालीन रांची के लिये एक ट्रेन तथा सहरसा से मुंबई के बीच ट्रेन चलाने की मांग लगातार हो रही है. साथ ही महत्वपूर्ण गाड़ियों का ठहराव खगड़िया स्टेशन पर नहीं है. खगड़िया स्टेशन पर से गुजरने वाली राजधानी ट्रेन के अलावे,गरीब नवाज एक्सप्रेस, बीकानेर गुवाहाटी, एनजेपी सीतामढ़ी ट्रेनों के ठहराव के लिये भी लोग आंदोलन के मूड में हैं.
पानी की कमी के बावजूद आउटसोर्सिंग एजेंसी को प्लेटफाॅर्म पर पोंछा लगाने के लिये दो प्वाइंट दिये गये हैं. लेकिन फिर भी पोंछा लगाने में आनाकानी किया जा रहा है तो इस बारे में स्टेशन अधीक्षक की बेहतर बता सकते हैं. दस सफाईकर्मी के बदले एक या दो सफाईकर्मी से काम चलाया जा रहा है. पानी का बहाना बना कर आउटसोर्सिंग एजेंसी प्लेटफाॅर्म पर पोंछा लगाने से बचना चाह रहा है.
चंदन कुमार, आइओडब्ल्यू.
रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा में बढ़ोतरी के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. ट्रेनों की जानकारी के लिये डिजिटल सिस्टम की व्यवस्था की गयी है. साथ की रोशनी के विशेष इंतजाम किये गये हैं. करोड़ों रुपये की लागत से स्टेशन का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. नये प्लेटफाॅर्म सहित टिकट घर भी जल्द काम करने लगेंगे.
प्रवीण कुमार, स्टेशन अधीक्षक.
करोड़ों रुपये राजस्व देने के बाद भी खगड़िया रेलवे स्टेशन के प्लेटफाॅर्म की धुलाई तो दूर महीनों से पोंछा तक नहीं लगाया जाना काफी गंभीर मामला है. सिर्फ झाड़ू के सहारे साफ सफाई के दावे पर प्रश्नचिह्न तो खड़े होंगे ही. हाईमास्क लाइट में दो बल्ब महीनों से जल रहे हैं लेकिन अधिकारी की नींद नहीं खुली है. साफ-सफाई की बात करें तो पानी का बहाना बना आउटसोर्सिंग एजेंसी प्लेटफाॅर्म पर पोंछा लगाने में आनाकानी कर रहा है. स्टेशन द्वार पर पेशाब की दुर्गन्ध से यात्री जूझ रहे हैं.
सुभाष चन्द्र जोशी, संयोजक बिहार रेल उपभोक्ता संघर्ष समिति.
रेलवे अधिकारी स्टेशन की धुलाई के लिये पानी नहीं दे रहे हैं. ऐसे में सिर्फ झाड़ू के सहारे साफ-सफाई करना पड़ रहा है. पानी उपलब्ध नहीं रहने के कारण रेलवे स्टेशन की धुलाई बंद है. फिर भी साफ सफाई में कोई आनाकानी नहीं किया जा रहा है. दिन रात सफाईकर्मी स्टेशन परिसर में साफ सफाई में लगे रहते हैं.
रंजीत कुमार, सुपरवाइजर, आउटसोर्सिंग एजेंसी.