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गरीबों का निवाला हजम कर गये अमीर, होगी जांच

खगड़िया : खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत तीन वर्षों से गरीबों के हिस्से का निवाला अमीर हजम कर रहे थे. अब इन अमीरों से लिये गये अनाज की कीमत वसूल की जायेगी. जांच में हुए खुलासे के बाद विभाग से बड़ा निर्णय लेते हुए ऐसे अयोग्य परिवारों से उठाव की गयी खाद्यान्न की राशि वसूली […]

खगड़िया : खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत तीन वर्षों से गरीबों के हिस्से का निवाला अमीर हजम कर रहे थे. अब इन अमीरों से लिये गये अनाज की कीमत वसूल की जायेगी. जांच में हुए खुलासे के बाद विभाग से बड़ा निर्णय लेते हुए ऐसे अयोग्य परिवारों से उठाव की गयी खाद्यान्न की राशि वसूली करने का फरमान जारी किया है. डीएम ने दोनों अनुमंडलों के एसडीओ को इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी कर अवैध तरीके से खाद्यान्न का उठाव कर रहे लोगो से राशि जोड़कर वसूली करने का आदेश दिया है.

23 हजार फर्जी कार्डधारक चिह्नित
दोनों अनुमंडलों में जांच के बाद ऐसे 23 हजार लोगों की पहचान की जा चुकी है, जो खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सस्ते दर पर अनाज प्राप्त करने के वाजिब हकदार नहीं थी. ये अयोग्य इसलिए ठहराये गये कि ये गरीब नहीं थे. विभागीय निर्देश के आलोक में इन्हें गरीब/सामान्य परिवारों के लिए संचालित इस योजना के तहत लाभ नहीं लेना था. लेकिन इन्होंने जनगणना में अपनी गलत आर्थिक स्थिति देकर ने सिर्फ राशन कार्ड प्राप्त किया. बल्कि करीब तीन वर्षों से बगैर रोक रोक के पीडीएस दुकानों से दो रुपये किलो की दर से गेहूं व तीन रुपये की दर से चावल भी उठाते रहे.
20 हजार राशनकार्ड रद्द उठाव पर भी रोक
जांच के बाद करीब 20 हजार राशनकार्ड रद्द किये जा चुके हैं. इनके राशन कार्ड की सुनवाई के बाद दोनों एसडीओ ने रद्द किया है. क्योंकि ये सभी लोग अपात्र पाये गये. इनकी आर्थिक स्थिति बढ़िया थी. इसके बावजूद ये खाद्यान्न का उठाव करते रहे. बताया जाता है कि अनुमंडल स्तर से इन सभी को नोटिस जारी किया गया. फिर सुनवाई करते हुए एसडीओ ने ऐसे अपात्र 20 हजार कार्डधारकों के कार्ड को रद्द करते हुए इनके खाद्यान्न उठाव पर रोक लगा दी है. बताया जाता है चिन्हित अयोग्य राशन कार्ड धारकों की संख्या 23 हजार है. तीन हजार की सुनवाई अभी प्रक्रियाधीन है.
56 करोड़ होगी वसूली
विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि ऐसे अपात्र घोषित परिवारों से खाद्यान्न की करीब 56 करोड़ रुपये वसूली की जाएगी. कुछ दिन पूर्व अयोग्य लोगों के राशन कार्ड को रद्द किये गए थे. जिसके बाद गणना की गयी. खाद्यान्न के मूल्य के आकलन के बाद अयोग्य राशनकार्ड धारियों द्वारा उठाव किये गये खाद्यान्न की अनुमानित कीमत करीब 56 करोड़ तक पहुंच गयी है.
इन तीन वर्षों में अमीरों द्वारा करीब 56 करोड़ रुपये का खाद्यान्न उठाव किया गया. जबकि ये सही हकदार नहीं थे. प्रत्येक कार्ड धारकों से 35-35 हजार रुपये वसूले जाएंगे. निश्चित ही कुल राशि भी 56 करोड़ से बढ़कर 70 करोड़ रुपये हो जाएगी. अगर आगे दिनों में और कार्ड रद्द होते है तो कुल वसूली जाने वाली राशि भी बढ़ जाएगी.
सरकारी कर्मी भी फर्जीवाड़ा में शामिल
संपन्न परिवारों के साथ साथ इस जिले में ऐसे कई सरकारी लोक सेवक के भी नाम सामने आ रहे है. जो पात्र नहीं होने के बावजूद इस सस्ते अनाज का उठाव करते रहे. सरकारी बाबुओं की कृपा से ये भी सस्ते अनाज उठाने का लाइसेंस यानी राशनकार्ड प्राप्त करने में सफल हो गए. और करीब तीन वर्षों से गरीबों के हिस्से की हकमारी करते रहे. मामला सामने आने के बाद इनके वेतन/पेंशन से खाद्यान्न की वसूली के लिए डीडीओ को पत्र लिखने का आदेश जारी किया गया है.

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