गोगरी : शराब का कारोबार करने वालों को पकड़ने के लिए गोगरी थाने की पुलिस ने एक बार फिर से अपनी मुहिम तेज कर दी है. अब सादे लिबास में पुलिस शराब बिक्री के अड्डों पर छापेमारी करेगी और धंधेबाजों को गिरफ्तार करेगी. इन दिनों धंधेबाजों ने पुलिस से बचने के लिए मुख्य सड़क से ही अपने को सुरक्षित रखने की तरकीब निकाली है.
अपने नेटवर्क के तहत शराब के बड़े धंधेबाज सड़क पर ही दलाल रखते हैं. इनके द्वारा पुलिस की गतिविधि की सूचना दी जाती है और उसी के अनुरूप कुछ गलियों में शराब का धंधा किया जाता है. शराबबंदी कानून लागू होने के बाद शुरू किया गया अभियान थोड़ा मंद पड़ने के कारण धंधेबाजों ने फिर से अपना कारोबार शुरू कर दिया है. इलाके के परबत्ता के सलारपुर, परबत्ता बाजार, अगुवानी डुमरिया और पसराहा के छोटी पसराहा गांव सहित गोगरी बाजार में सड़क के किनारे वाले इलाके में शराब की बिक्री किये जाने की सूचनाएं मिल रही है.
बता दें कि शराबबंदी के बाद इस जिले में पुलिस और उत्पाद विभाग द्वारा जोरों पर छापामारी अभियान चलाया गया था. जिसमें बड़ी मात्रा में झारखंड, हरियाणा और बंगाल निर्मित अंग्रेजी शराब जब्त हुई थी. साथ ही शहर के विभिन्न स्थानों से देसी शराब के साथ धंधेबाज और पियक्कड़ पकड़े गये थे. इधर छापामारी अभियान थोड़ा सुस्त पड़ गया है इस कारण धंधेबाज फिर से मुखर हो गये हैं. सूत्र बताते हैं कि वर्तमान समय में 1200 से 1500 रुपये प्रति बोतल की दर से रॉयल स्टैग कंपनी की शराब की होम डिलेवरी की जा रही है. घरों या गंतव्य स्थान तक शराब पहुंचाने के लिए कम उम्र के लड़कों का उपयोग किया जा रहा है. बदले में उसे प्रति बोतल एक सौ रुपये दिया जाता है. साथ ही कारोबारियों द्वारा यह भी आश्वासन दिया जाता है कि पकड़े जाने पर उसे छुड़ाने के सभी प्रयास होंगे. पैसे की लालच में इस अवैध धंधे में कुछ ऐसे युवक शामिल हैं जो शहर में किराये के मकान में रहकर पढ़ाई करता है. इसके अलावा जिस परिवार की माली हालत ठीक नहीं है उस घर के लड़के अपनी जिंदगी को दाव पर लगा शराब के अवैध धंधे में अपने को झोंक दिया है.