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महाजाम से छटपटा रहे शहरवासी

हद है. होमगार्ड हड़ताल पर, शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था का दारोमदार होमगार्ड के जवानों पर ही था, पर उनके हड़ताल पर रहने से शहर में जाम की समस्या विकराल हो गयी है. इन दिनों आप सड़क पर कैसे चलेंगे, यह आपकी मर्जी पर है, भले ही आपकी वजह से […]

हद है. होमगार्ड हड़ताल पर, शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था का दारोमदार होमगार्ड के जवानों पर ही था, पर उनके हड़ताल पर रहने से शहर में जाम की समस्या विकराल हो गयी है. इन दिनों आप सड़क पर कैसे चलेंगे, यह आपकी मर्जी पर है, भले ही आपकी वजह से लंबा जाम लग जाये. कारण, इस समय शहर की सड़कों पर आपको कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है.
कटिहार : शहर में बगैर ट्रैफिक पुलिस के वाहनों का संचालन कई दिनों से हो रहा है. ट्रैफिक पुलिस के नहीं रहने के कारण चौक-चौराहों पर हमेशा जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. लोग जाम में फंसकर परेशान हो रहे हैं. दरअसल ट्रैफिक व्यवस्था का पूरा भार होमगार्ड के जवानों पर था, लेकिन होमगार्ड के जवान पिछले 45 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
ऐसे में वैकल्पिक व्वस्था के रूप में कुछ दिनों तक बीएमपी व जिला पुलिस की मदद से ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त रखा गया, लेकिन एक सप्ताह से शहर के किसी भी चौक-चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नहीं की गयी है. इससे लोगों को घंटों तक जाम में फंसकर परेशान होना पड़ रहा है. गुरुवार को प्रभात खबर की टीम ने शहर के कई प्रमुख चौक-चौराहों का जायजा लिया. जायजा लेने के क्रम में पाया गया कि पूरे शहर में भगवान भरोसे वाहनों का परिचालन हो रहा था.
नो इंट्री का कहीं कोई पालन नहीं हो रहा है. एक तरफा रास्ते में भी दोनों ओर से वाहनों का परिचालन हो रहा था. इससे लगातार जाम भी लग रहा था. शहर के शहीद चौक, बाटा चौक, शिव मंदिर चौक, जीआरपी चौक, अमर जवान चौक सहित अन्य स्थानों पर एक सप्ताह से ट्रैफिक पुलिस के बिना ही काम चलाया जा रहा है.
शहीद चौक पर वन-वे का पालन नहीं
टीम शहर के सबसे व्यस्तम शहीद चौक पर दोपहर 12 बजे पहुंची. वहां ट्रैफिक पुलिस नहीं थी. वाहन चालक मनमर्जी वाहन दौड़ा रहे थे. ऑटो, रिक्शा वालों की तो अभी बल्ले-बल्ले हैं. चूंकि ट्रैफिक पुलिस के रहने पर शहीद चौक पर उनका जमघट नहीं लगता था, लेकिन उनके नहीं रहने से अब यहां इनका कब्जा है.
इसके कारण बार-बार यहां जाम की नौबत उत्पन्न हो रही थी. एमजी रोड भी वन-वे है. इस ओर सुबह से रात 10 बजे तक वाहनों के घुसने पर रोक है. सिर्फ एमजी रोड से शहीद चौक ही वाहन आ सकते हैं, लेकिन दोनों ओर से वाहनों का परिचालन हो रहा था. इससे यहां जाम लग रहा था. यही हाल मंगलबाजार जाने वाली सड़क का भी था. पहले शहीद चौक पर चार-चार ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की जाती थी. एक सप्ताह से ट्रैफिक पुलिस के नहीं रहने से यहां की स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है.
धर्म कांटा के वाहनों के कारण लगता है जाम
धर्म कांटा में मक्का वजन करवाने को लेकर गाड़ियों की लगी लंबी कतार के कारण शहर के कई स्थानों पर ट्रैफिक जाम से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. खासतौर पर बाजार समिति चौक पर जहां सड़क किनारे स्थित धर्मकांटा है. गाड़ियों की आवाजाही सड़क जाम हो जाता है. आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस जगह पर ट्रैक्टर से लेकर सम्मानित ट्रक व भारी भरकम और विशालकाय ट्रक तक वजन के लिए पहुंचते हैं.
सड़क के एकदम बगल होने एवं सामने जगह का अभाव होने के कारण यहा गाड़ियां सड़क पर आवा-जाही विभाजित करती है. वजन बढ़ाने को लेकर गाड़ियों की कतार भट्ठा टोला चौक पर भी देखी जा सकती है. यहां भी आय दिन जाम एक सामान्य घटना है. अलबत्ता यहां पर स्थित धर्मकांटा के सामने थोड़ी जगह होने के कारण स्थिति काबू में रहती है. यहां गाड़ियां तीनगछिया सड़क पर खड़ी की जाती है. आम लोगों की मानें, तो अभी मक्का सीजन की शुरुआत है,
आने वाले दिनों में यह जाम और बड़ी परेशानी बन सकता है. लोगों का कहना है कि यदि शीघ्र प्रशासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी, तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है. लोगों को राहत नहीं मिली, तो उनके पास आंदोलन के अलावा कोई चारा नहीं है.
जिधर मरजी हो गाड़ी घुसा दीजिए नहीं है कोई रोकने-टोकने वाला
अमर जवान चौक पर सुबह से देर शाम तक लगता रहा जाम
मंगल बाजार जाने वाली सड़क पर नहीं हो रहा था वन-वे का पालन
ऑटो वालों का सड़क पर हो गया है कब्जा
जीआरपी चौक पर बार-बार लग रहा था जाम
टीम जीआरपी चौक पर दोपहर दो बजे पहुंची. यहां जाम से हर तबका परेशान हो रहा था. रेलवे स्टेशन का मुख्य द्वार होने के कारण तथा डीआरएम भवन होने के कारण वाहनों का परिचालन व यात्रियों का आना जाना यहां अधिक होता है. इसके साथ ही पूर्णिया, भागलपुर सहित अन्य दूसरे जगह जाने का यह एकमात्र रास्ता है. इससे वाहनों का दबाव यहां अधिक होता है. ट्रैफिक पुलिस के नहीं रहने से यहां की स्थिति खराब थी. यहां लगे जाम को खुद वाहन चालक हटाते देखे गये.
हड़ताल से ट्रैफिक व्यवस्था पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा
होमगार्ड के जवान ही ट्रैफिक प्रशासन की भूमिका निभाते थे. इनके हड़ताल पर चले जाने की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था पर असर पड़ा है. इनके नहीं होने के बाद बाहर से पुलिसकर्मियों को मंगाया गया था, जिनसे ट्रैफिक का काम लिया जा रहा था. कुछ दिनों के बाद वह लोग भी ट्रेनिंग को लेकर यहां से चले गये. इसके कारण ट्रैफिक व्यवस्था पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा है. शहर में किसी भी जगह पर ट्रैाफिक पुलिस नहीं है.
केएन सिंह, ट्रैफिक इंचार्ज
बाटा चौक पर नहीं हो रही थी निगरानी
टीम दोपहर करीब एक बजे बाटा चौक पहुंची. यहां की भी स्थिति बेहद खराब थी. मंगलबाजार जाने वाली सड़क पर वन-वे होने के बावजूद दोनों ओर से वाहनों का परिचालन हो रहा था.
इससे मंगलबाजार, स्टेशन जाने वाली सड़क, न्यू मार्केट जाने वाली सड़क पर जाम से लोग त्राहिमाम कर रहे थे. पहले यहां सुबह 10 बजे से रात दस बजे तक ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी रहती थी. स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस के नहीं रहने से वाहन चालक बेलगाम हो गये हैं. जिसको जहां मरजी वहीं वाहन खड़ा कर देता है, जिससे जाम लगा रहता है.
बाटा चौक पर नहीं हो रही थी निगरानी
टीम दोपहर करीब एक बजे बाटा चौक पहुंची. यहां की भी स्थिति बेहद खराब थी. मंगलबाजार जाने वाली सड़क पर वन-वे होने के बावजूद दोनों ओर से वाहनों का परिचालन हो रहा था. इससे मंगलबाजार, स्टेशन जाने वाली सड़क, न्यू मार्केट जाने वाली सड़क पर जाम से लोग त्राहिमाम कर रहे थे. पहले यहां सुबह 10 बजे से रात दस बजे तक ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी रहती थी. स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस के नहीं रहने से वाहन चालक बेलगाम हो गये हैं. जिसको जहां मरजी वहीं वाहन खड़ा कर देता है, जिससे जाम लगा रहता है.
सबसे खराब स्थिति अमर जवान चौक की
मिरचाईबाड़ी स्थिति सहायक थाना के निकट अमर जवान चौक पर हमेशा दो ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगती थी, लेकिन एक सप्ताह से ट्रैफिक पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं है. यही वजह है कि सुबह से देर रात तक यहां जाम की समस्या बनी हुई थी. इस चौक से होकर मनिहारी से बड़े पैमाने पर लोडेड गिट्टी, मेटल लदे ट्रकों का आना जाना होता है. इसके साथ ही रेक प्वाइंट से सिमेंट ट्रैक्टर में लोड कर दूसरे जगह ले जाया जाता है. अस्थायी रूप से बस स्टैंड का संचालन भी यहीं से होता है. ऐसे में यहां वाहनों का दबाव सबसे अधिक है. हर पांच मिनट पर यहां जाम लग रहा था.

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