राजकिशोर
बिहार : राज्य के कटिहार जिला अंतर्गत आजमनगर प्रखंड क्षेत्र के निमौल पंचायत स्थित सिसिया गांव में एक मां ने बीते रविवार को एक अजूबे बच्चे को जन्म को दिया. यह बच्चा जन्म के कुछ देर बाद ही मां की गोद में बैठने लगा और खड़ा होने लगा है. बच्चे का वजन लगभग 13-14 किलो बताया जा रहा है. जिसको स्थानीय लोगों ने एलियन समझा.उसके बाद यह सूचना जैसी ही इलाके में फैली कि एक अद्भूत बच्चे का जन्म हुआ है, लोग उसे देखने के लिए उमड़ पड़े. बच्चे की आंखें बड़ी-बड़ी और गोल है, सिर चपटा और माथे पर एक ग्रंथी सी दिखाई देती है इंसानी बच्चे का इस तरह जन्म लेना जिज्ञासा जगाता है. इस पर चिकित्सकों और जंतु विज्ञान के जानकार शिक्षक ने अलग अलग तर्क दिये हैं .
त्वचा को नहीं मिलती है ऑक्सीजन
बताते हैं कि इस तरह के मामले हो मां-बाप के (जीन) में हुए म्यूटेशन के कारण भी बच्चे का ऐसा रूप हुआहोगा बच्चे के शरीर के उपर किराटिम लेयर होता है जिससे बच्चे की त्वचा ऑक्सीजन नहीं ले पाती है ऐसे अद्भुत बच्चे के जन्म लेने का यह भी एक कारण हो सकता है।
दस लाख में से एक बच्चे को होती है बीमारी
आजमनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी अब्दुस्लाम ने बताया कि इस तरह के मामले हर्लेक्विन इचथिस्योसिस की बीमारी भी होने पर ऐसे बच्चे का जन्म हो सकता है.10 लाख बच्चों में से कोई एक बच्चा ऐसा अद्भुत रूप लेकर जन्म लेता है जिसे अविकसित भी कहा जा सकता है. सांसद आदर्श पंचायत निमौल के मुखिया आले रसूल बताते हैं कि उनके पंचायत के सिसिया गांव में एक महिला ने इस तरह के अद्भुत बच्चे को जन्म दिया है जो आदर्श बात है।