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अभी कुछ दिन और सतायेगी ठंड

परेशानी. पछुआ हवा बहने से बढ़ी कंपकंपी, आम जनजीवन अस्त-व्यस्त दस दिनों से लगातार बढ़ रही ठंड से गुरुवार को भी लोगों को राहत नहीं मिली. दोपहर 12.30 बजे के धूप निकली लेकिन दोपहर बाद 2.30 बजे ही सूर्यदेव कुहासों के बीच छिप गये. इस बीच लगातार सर्द पछुवा हवा के बहने से दिन व […]

परेशानी. पछुआ हवा बहने से बढ़ी कंपकंपी, आम जनजीवन अस्त-व्यस्त

दस दिनों से लगातार बढ़ रही ठंड से गुरुवार को भी लोगों को राहत नहीं मिली. दोपहर 12.30 बजे के धूप निकली लेकिन दोपहर बाद 2.30 बजे ही सूर्यदेव कुहासों के बीच छिप गये. इस बीच लगातार सर्द पछुवा हवा के बहने से दिन व रात के तापमान में लगातार गिरावट जारी है. मौसम विभाग के अनुसार अभी कुछ दिन तक ठंड से निजात नहीं िमलेगी.
कटिहार : गुरुवार को जिले का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री और अधिकतम तापमान 22 डिग्री रहा. पूरे दिन लोग ठंड से परेशान रहे. ठंड के कारण लोग घरों में दुबकने को विवश हो गये. दोपहर में हल्की धूप निकलने के बावजूद ठंड व कंपकंपी में कोई राहत लोगों को नहीं मिल सकी. हालांकि धूप निकलने की वजह से लोग जरूरी काम से बाहर जरूर निकले. लेकिन चार बजे के बाद लोग घर लौटने की जल्दी में देखे गये. मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक ठंड से लोगों को राहत नहीं मिलेगी. मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष ठंड पहले आ गयी है. अमूमन इस तरह की ठंड दिसंबर के अंतिम सप्ताह से शुरू होता था.
लेकिन इस वर्ष दिसंबर के दूसरे सप्ताह से ही लोगों को ठंड परेशान कर रही है. ठंड की वजह से लोगों का आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लोगों की दिनचर्या पर भी ठंड का व्याप्क असर पड़ा है. लोग ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के प्रयोग कर रहे हैं. घर में रूम हीटर, गरीब तबके के लोग घर के अंदर ही अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं. इसके साथ ही जरूरी काम पड़ने पर ही घरों से निकल रहे हैं. अन्यथा घरों में दुबकर रहने को विवश हो रहे हैं. दोपहर में धूप खिलता है लेकिन इसका असर नहीं पड़ रहा है. शाम तीन बजे तक पुन: ठंड अपने शवाब पर पहुंच जाता है. शाम चार बजते ही लोग अपने घर लौटने पर विचार करने लगते हैं. जिसके कारण शाम में बाजार खाली हो जाता है. इधर चिकन, मटन की बिक्री बढ़ गयी है.
शाम होते ही बाजार में छाया सन्नाटा
कड़ाके की ठंड की वजह से गुरुवार को शाम पड़ते ही बाजार खाली हो गया. लोग ठंड से बचने के लिए अपने घरों में दुबकने को विवश हो गये. दरअसल ठंड अपने पूरे शबाब पर है. ठंड से बचने का लोग प्रयास कर रहे हैं. शाम पड़ते ही बाजार में सन्नाटा पसर जाता है. दुकानदार भी ठंड से बचने के लिए अपने घर जल्दी जाने के लिए दुकान बंद कर दे रहे हैं. शाम आठ बजे के बाद शहर की अधिकांश दुकानें बंद हो जाती है. जबकि अन्य दिनों में रात दस बजे तक दुकानें बाजार की खुली रहती है. लेकिन ठंड व शीतलहर के कारण लोग देर तक बाजार में रूकने से परहेज कर रहे हैं. इधर सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में ठंड का असर देखने को मिल रहा है. जहां पूरे दिन गहमा गहमी रहती थी वहां सन्नाटा पसरा रहता है. पदाधिकारी व कर्मचारी भी कार्यालय विलंब से आते हैं और जल्दी भागने के फेर में रहते हैं.
मार्निंग वाक करने वालों की संख्या घटी
शहर में गुलाबी ठंड अब हाड़ कंपा देनेवाली ठंड में बदल गयी है. इसका असर इतना पड़ रहा है कि सुबह में मार्निंग वाक करने वाले लोगों की संख्या में कमी आ गयी है. खासकर बुजुर्गों ने सुबह में मार्निंग वाक करना छोड़ दिया है. इसी तरह युवाओं की संख्या में भी कमी आ गयी है. ठंड की वजह से पार्क, मैदान, सड़कों पर टहलने व दौड़ लगाने वालों में कमी आ गयी है. जब ठंड का असर कम था तो अहले सुबह से ही शहर की तमाम सड़कों, रेलवे मैदान, राजेंद्र स्टेडियम आदि जगहों पर वार्निंग वाक करने वाले लोगों की भीउ़ लगी रहती थी.
उन जगहों पर अब कम लोग देखे जा रहे हैं. दरअसल लगातार पारा नीचे ही गिरता जा रहा है. उसी तरह शीतलहर भी जोरों पर पड़ रही है. इससे ठंड बढती ही जा रही है. जिसके कारण लोग घरों में दुबकने को विवश हो रहे हैं. लोग उपर से लेकर नीचे तक गरम कपड़ों से ढके दिख रहे हैं.
ठंड की वजह से अलाव की नहीं हुई व्यवस्था
कनकनी वाली ठंड होने के बावजूद जिला प्रशासन व नगर निगम की ओर से शहर के कई स्थानों पर अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. कुछ जगहों पर अलाव की व्यवस्था कर औपचारिकता निभायी जा रही है. जिसके कारण फुटपाथ पर रहने वाले लोगों सहित रिक्शा, ऑटो चलाने वाले, मजदूर वर्ग सहित दूर दराज से आने वाले लोगों को ठंड में घोर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर बस स्टेंड, रेलवे स्टेशन, सदर अस्पताल में आने-जाने वाले लोगों को इस भीषण ठंड में घोर परेशानी उठानी पड़ रही है.
गौरतलब हो कि सरकार की ओर से कटिहार जिले को अलाव की व्यवस्था के लिए राशि का आवंटन कर दिया गया है. इसके बावजूद शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अलाव की व्यवस्था करने में जिला प्रशासन फेल साबित हो रहा है. यही नहीं आपदा प्रबंधन की ओर से कंबल का वितरण कार्य भी नहीं शुरू हो सका है. नोटबंदी की वजह से गरीब तबके के लोग कंबल सहित गरम कपड़े की खरीदारी करने में पूरी तरह से वंचित हो रहे हैं. इससे गरीबों को दिन तो किसी तरह कट रहा है लेकिन रात काटनी मुश्किल हो रही है.

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