उपेक्षा. खुले में शौच से मुक्ति के लक्ष्य पर लग रहा ग्रहण
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विभाग नहीं ले रहा रुचि
उपेक्षा. खुले में शौच से मुक्ति के लक्ष्य पर लग रहा ग्रहण प्रधानमंत्री की है महत्वाकांक्षी परियोजना कटिहार जिले के 27 पंचायतों के 51 गांवों को 10 अगस्त तक खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है. कटिहार : गंगा […]
प्रधानमंत्री की है महत्वाकांक्षी परियोजना
कटिहार जिले के 27 पंचायतों के 51 गांवों को 10 अगस्त तक खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है.
कटिहार : गंगा नदी के किनारे बसे गांवों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान को कटिहार में झटका लग रहा है. बिहार के 12 जिलों को इस मुहिम में शामिल किया गया है. इसमें कटिहार भी शामिल है. कटिहार जिले के 27 पंचायतों के 51 गांवों को 10 अगस्त तक खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है.
माना जा रहा है कि इन गांवों को शौच से मुक्ति दिलाने के लक्ष्य में निर्धारित अवधि तक कटिहार पिछड़ भी सकता है. हालांकि जिन युवाओं को गंगा किनारे चिह्रित गांव में जाकर लोगों को जागरूक करना है, उन युवाओं काे जून के प्रथम सप्ताह में प्रशिक्षण दिया जा चुका है. इस पूरे मुहिम का नोडल विभाग जिला जल स्वच्छता समिति, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल है. इस मामले में विभाग व समिति पूरी तरह उदासीन दिख रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 15 अगस्त को देश के गंगा किनारे स्थित गांवों को खुले में शौच से मुक्त हो जाने संबंधी घोषणा भी करनी है. ऐसे में लगता है कि प्रधानमंत्री के उद्देश्य को कटिहार में झटका लग सकता है.
लक्ष्य पूरा करना बना चुनौती
केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय व युवा कार्य मंत्रालय की संयुक्त पहल पर देश के पांच राज्यों के 52 जिलों के 1651 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 5169 गांव जो गंगा किनारे बसे हैं, उन गांवों को 10 अगस्त तक खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें बिहार के 12 जिले शामिल हैं.
इन जिलों में कटिहार, बक्सर, भोजपुर, पटना, बैशाली, मुंगेर, बेगूसराय, समस्तीपुर, लक्खीसराय, सारण, भागलपुर, खगड़िया शामिल हैं. कटिहार जिले में लक्ष्य के विरुद्ध अब तक कोई पहल नहीं हुई है, जबकि जिला जल स्वच्छता समिति को लक्ष्य पूरा करने के लिए बनाये गये रोडमैप के तहत कार्य करना था. पर, इस दिशा में कोई कार्य शुरू नहीं हुआ है. स्थानीय विभागीय सूत्रों की मानें, तो इस दिशा में जमीनी स्तर पर अबतक कुछ नहीं हुआ है. इसलिये माना जा रहा है कि 10 अगस्त तक का जो लक्ष्य है, वह पूरा नहीं हो सकेगा.
51 गांवों को दिलाना है खुले में शौच से मुक्ति
27 पंचायतों को अभियान में शामिल किया गया
जिले के गंगा किनारे स्थित चार प्रखंड यथा मनिहारी, अमदाबाद, बरारी व कुरसेला के 27 पंचायतों को इस अभियान में शामिल किया गया है. इसमें मनिहारी के बघार, बाघमारा, दक्षिणी कांटाकोश, धुरियाही, दिलारपुर व उत्तरी कांटाकोश है. अमदाबाद के भवानीपुर खट्टी, चौकिया पहाड़पुर, दुर्गापुर, किशनपुर, उत्तरी करीमुल्लापुर, पार दियारा, दक्षिणी करीमुल्लापुर है. बरारी के बैसा गोविंदपुर, बकिया सुखाय, दक्षिणी भण्डारतल, गुरूमेला, कांतनगर, मोहना चांदपुर, पूर्वी बारी नगर, शिशिया, उत्तरी भंडारतल, विशनपुर तथा कुरसेला के पूर्वी मुरादपुर, जरलाही, साहपुरधर्मी, दक्षिणी मुरादपुर पंचायत शामिल है. इन चारों प्रखंडों के 27 पंचायत अंतर्गत कुल 51 गांवों को 10 अगस्त तक ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य भारत सरकार ने दिया है.
ऊहापोह की स्थिति में विभाग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस महत्वाकांक्षी एवं महत्वपूर्ण परियोजना के क्रियान्वयन के प्रति स्थानीय जिला एवं जल स्वच्छता समिति उदासीन बना हुआ है. लोक स्वास्थ्य प्रमंडल के अधीन काम करने वाली समिति के अधिकारियों की मानें, तो अब तक इस परियोजना को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. दरअसल राज्य सरकार जिला जल स्वच्छता समिति को ग्रामीण विकास विभाग के अधीन करने जा रही है. वर्तमान में यह पीएचइडी के अधीन है
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निर्धारित अवधि तक काम पूरा होने में संदेह
गंगा किनारे 27 पंचायतों के 51 गांवों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य है. समिति को ग्रामीण विकास विभाग में शामिल किया जाना है, इसलिये अब तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है. निर्धारित अवधि तक काम पूरा होगा. इसमें संदेह है.
अविनाश कुमार, जिला समन्वयक, जिला जल स्वच्छता समित
परियोजना की समीक्षा कर दिया जायेगा निर्देश
गंगा किनारे 51 गांवों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य है. जिला जल स्वच्छता समिति को इस लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभानी है. जल्दी ही वह बैठक करेंगे तथा इस परियोजना की समीक्षा कर दिशा निर्देश देंगे.
मुकेश पांडेय, डीडीसी
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