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अब सड़क ही बन गया है स्टैंड

मिरचाईबाड़ी में बनाये गये अस्थायी बस स्टैंड में यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. यात्रियों को धूप व बरसात से बचाने के लिए भी कोई उपाय नहीं किये गये हैं. यात्रियों के बैठने की बात तो दूर, सामान रखने व खड़े रहने तक की जगह नहीं है. कटिहार : शहीद चौक से […]

मिरचाईबाड़ी में बनाये गये अस्थायी बस स्टैंड में यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. यात्रियों को धूप व बरसात से बचाने के लिए भी कोई उपाय नहीं किये गये हैं. यात्रियों के बैठने की बात तो दूर, सामान रखने व खड़े रहने तक की जगह नहीं है.
कटिहार : शहीद चौक से एक अप्रैल को बस स्टैंड हटने के बाद से मिरचाईबाड़ी में अस्थायी रूप से बस स्टैंड को शिफ्ट कर दिया गया है. जबकि उदामा रहिका में बस स्टैंड ले जाने की बात कही गयी थी.वहां कार्य अधूरा रहने एवं गौशाला रेल फाटक पर ओवरब्रिज नहीं होने की वजह से वाहन चालकों ने जाने से इनकार कर दिया है. परिणाम स्वरूप जिला प्रशासन की पहल के बाद मिरचाईबाड़ी सहायक थाना के निकट अस्थायी बस स्टैंड से बसों का परिचालन शुरू कराया गया. ढाई माह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन नये बस स्टैंड से वाहनों का परिचालन शुरू नहीं हो सका है. इसके कारण यात्रियों को घोर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल मिरचाईबाड़ी में बनाये गये अस्थायी बस स्टैंड में यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. हद तो यह है कि यात्रियों को धूप व बरसात से बचने के लिए भी कोई उपाय नहीं किये गये हैं. यात्रियों के बैठने की बात तो दूर, सामान रखने व खड़े रहने तक की जगह नहीं है. पेयजल, शौचालय, मूत्रालय आदि की भी कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में यात्रियों को किन-किन परेशानियों के बीच से गुजरना पड़ता होगा, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
सवाल उठता है कि यदि उदामा रहिका में बस स्टैंड पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हुआ था, तो इतनी जल्दबाजी व आनन-फानन में बस स्टैंड को शहीद चौक से हटाने की क्या जरूरत थी. यहां यात्रियों को रोज फजीहत का सामना कर पड़ रहा है, लेकिन जिला प्रशासन व नगर निगम की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है. पर, यात्री तो बेचारे मुसीबत झेल ही रहे हैं.
नये बस स्टैंड में जाने का हो सकता है विरोध
उदामा रहिका में नया बस स्टैंड के लिए जमीन की खोज के बाद भवन निर्माण सहित यात्री सुविधा के लिए काम तो हो रहा है, लेकिन वहां से वाहनों का परिचालन होगा. इसपर अभी कहना जल्दबाजी होगी. चूंकि बस मालिक किसी भी कीमत पर उदामा रहिका से बसों का परिचालन करने का विरोध शुरू से कर रहे हैं. बस मालिकों का तर्क है कि शहर से दूर होने एवं गौशाला रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज नहीं होने के कारण हमेशा वाहन जाम में फंसेंगे और यात्री परेशान होंगे. बस का परिचालन भी विलंब से होगा. जब तक गौशाला रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण नहीं हो जाता, नये बस स्टैंड से बसों का परिचालन संभव नहीं है.
बस मालिकों का तर्क काफी हद तक ठीक भी है. अप्रैल माह में बस चालकों को जब नये बस स्टैंड से वाहन चलाने के लिए कहा गया, तो चालकों ने वहां जाने से इनकार करते हुए हड़ताल शुरू कर दिया था. बाद में आनन-फानन में प्रशासन ने बस मालिकों के साथ वार्ता की ओर यह तय हुआ कि जब तक गौशाला रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण नहीं हो जाता तब-तक मिरचाईबाड़ी से ही बसों का परिचालन होगा. बस सेवा तो चालू हो गयी, लेकिन यात्री सुविधा की किसी को कोई चिंता नहीं है.
जाम से हो रही परेशानी
सहायक थाना के निकट अस्थायी बस स्टैंड बना दिये जाने से सुबह से लेकर शाम तक बड़ी-बड़ी बसें, ऑटो, रिक्शा सड़क किनारे खड़े रहने की वजह से हमेशा जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है. मिरचाईबाड़ी में जाम की समस्या दिनों-दिन विकराल होने से वहां के स्थानीय लोगों, दुकानदारों व व्यवसायियों, स्कूल आने-जाने वाले छात्र-छात्राओं सहित राहगीरों को घोर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
यात्रियों के लिए सुविधा नाम की कोई चीज नहीं
मंगलवार को जायजा लेने के क्रम में पाया गया कि बड़ी संख्या में महिला, पुरुष, बच्चे, वृद्ध यात्री विभिन्न स्थानों पर जाने के लिए अपराह्न करीब तीन बजे मिरचाईबाड़ी बस स्टैंड में खड़े थे. यात्री धूप व गरमी से परेशान हो रहे थे. कुछ देर बाद ही काले-काले बादल छाने लगे.
इससे यात्रियों में अजीब तरह का डर समाने लगा. चूंकि बरसात से बचने के लिए वहां कोई साधन नहीं है. करीब 3.40 बजे मूसलधार बारिश भी शुरू हो गयी. बारिश से बचने के लिए यात्री जिधर-तिधर बचने के लिए भागने लगे. कोई चाय दुकान की ओर भाग रहा था, तो कोई नास्ता दुकान की ओर. इस दौरान बच्चों, महिलाओं एवं वृद्ध यात्रियों को बारिश से बचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. इस तरह की स्थिति यहां रोज उत्पन्न होती है. लोग सुविधा नहीं मिलने पर प्रशासन व सरकार को कोसते हुए चले जाते हैं, लेकिन इसका निदान नहीं निकल रहा है.
बस स्टैंड से लाखों का प्राप्त होता है राजस्व
बस स्टैंड से नगर निगम प्रशासन को सालाना लाखों का राजस्व प्राप्त होता है. प्रत्येक वर्ष बस स्टैंड के लिए निविदा निकाली जाती है. इतना राजस्व प्राप्त होने के बावजूद यात्रियों को किसी तरह की सुविधा मुहैया नहीं होना कई सवालों को खड़ा करता है. सबसे ताज्जुब की बात यह है कि यात्रियों को इतनी परेशानी हो रही है, लेकिन इस ज्वलंत मुद्दे पर कोई भी अपनी जुबान नहीं खोल रहा है. चुने हुए विधायक, सांसद सहित विभिन्न दलों के नेताओं को मानो कोई लेना देना ही नहीं हो. गौरतलब हो कि नये बस स्टैंड के लिए उदामा रहिका में लाखों रुपये फूंक भी दिये गये, लेकिन उसका कोई लाभ अब-तक मिलता नहीं दिख रहा है.
यात्रियों का बढ़ गया खर्च : मिरचाईबाड़ी में बस स्टैंड जाने के बाद यात्रियों का खर्च बढ़ गया है. यदि आप को शहीद चौक से मिरचाईबाड़ी बस पकड़ने जाना है, तो ऑटो से जाना होगा. इसका किराया पांच रुपये है. जीआरपी चौक से भी मिरचाईबाड़ी का किराया पांच रुपये ही है. पहले लोग सीधा स्टेशन के पास या शहीद चौक तक पहुंच जाते थे, अब मिरचाईबाड़ी में बस से उतरने के बाद ऑटो से स्टेशन या बाजार आना होता है. इससे यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ गया है.
उदामा रहिका में काम अधूरा
जिला प्रशासन बार-बार दावा कर रहा है कि उदामा रहिका नये बस स्टैंड से जल्द ही बसों का परिचालन शुरू कराया जायेगा, लेकिन वहां का जायजा लेने पर पाया गया कि अब तक यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी व्यवस्था नहीं की जा सकी है.
इसके साथ ही पेयजल, बैठने की व्यवस्था, शेड, शौचालय, मूत्रालय सहित अन्य का कार्य भी अधूरा पड़ा है. इसे पूरा करने में महीनों लग सकता है. हालांकि डीएम ललन जी ने सोमवार को नये बस स्टैंड में चल रहे कार्यों का जायजा लिया है और शीघ्र निर्माण कार्य को पूरा करने का निर्देश भी जारी किया है.

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