कटिहार : केंद्र व राज्य सरकार द्वारा आम लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए कई तरह की योजना शुरू की है. वित्तीय वर्ष 2015-16 की समाप्ति हो चुकी है. प्रभात खबर ने इस वर्ष स्वास्थ्य योजनाओं की क्या स्थिति रही है. लक्ष्य के विरुद्ध कितनी उपलब्धियां हासिल हुई हैं, इन पर पड़ताल की […]
कटिहार : केंद्र व राज्य सरकार द्वारा आम लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए कई तरह की योजना शुरू की है. वित्तीय वर्ष 2015-16 की समाप्ति हो चुकी है. प्रभात खबर ने इस वर्ष स्वास्थ्य योजनाओं की क्या स्थिति रही है. लक्ष्य के विरुद्ध कितनी उपलब्धियां हासिल हुई हैं, इन पर पड़ताल की है. बढ़ती आबादी कई समस्याओं की जननी है. केंद्र व राज्य सरकार जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चला रही है.
खासकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये जा रहे परिवार कल्याण कार्यक्रम जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान है. पर, कटिहार जिला परिवार कल्याण कार्यक्रम के क्रियान्वयन के प्रति उदासीन है. जबकि जिले में तेजी से आबादी बढ़ रही है. फिलहाल कटिहार जिले की आबादी 33 लाख पार कर चुकी है. स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर भरोसा करें, तो कटिहार जिले में प्रति मिनट औसतन 6 बच्चों का जन्म हो रहा है. इसके बावजूद परिवार कल्याण कार्यक्रम कटिहार जिले में दम तोड़ रहा है.
कार्यक्रम लक्ष्य से काफी पीछे
वित्तीय वर्ष 2015-16 की समाप्ति 31 मार्च को हो गयी. इस वर्ष परिवार कल्याण कार्यक्रम लक्ष्य से काफी पीछे छूट गया. खासकर बंध्याकरण के मामले में तो कटिहार जिला लक्ष्य से 56 प्रतिशत कम ही रहा. यानी मात्र लक्ष्य के विरुद्ध 44 फीसदी ही बंध्याकरण हो सका है. जिले में सबसे खराब स्थिति परिवार कल्याण कार्यक्रम की है. परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत यूं तो कई कार्यक्रम चलाये जाते है लेकिन इनमें से बंध्याकरण कार्यक्रम महत्वपूर्ण माना जाता है.
वर्ष 2015-16 में 32412 महिलाओं को बंध्याकरण करने का लक्ष्य रखा गया था. वित्तीय वर्ष की संमाप्त यानी 31 मार्च तक जिले में लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 44 फीसदी ही बंध्याकरण किया जा सका है. यानी 32412 में से 14161 महिलाओं का बंध्याकरण इस वर्ष किया गया है. वहीं कार्यक्रम के तहत आइयूडी में 67 व सीसीसूजर्स (निरोध) में 71 प्रतिशत उपलब्धि हासिल हुई है.
स्थानीय स्वास्थ्य विभाग है उदासीन
परिवार कल्याण कार्यक्रम की मौजूदा स्थिति के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग मुख्य रूप से जिम्मेवार है. दरअसल स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता की वजह से ही इस कार्यक्रम में लक्ष्य के विरुद्ध कम उपलब्धि हासिल हुई है. खासकर बंध्याकरण के जरिये जनसंख्या नियंत्रण करना अब मुश्किल हो गया है जब कि बंध्याकरण के लिए सरकार के द्वारा प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है. मोटीवेटर से लेकर लाभुक तक को प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था सरकार ने कर दी है. इसके बावजूद बंध्याकरण में लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 44 फीसदी उपलब्धि हासिल होना स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता को ही प्रदर्शित करता है.
उद्देश्य से भटका परिवार कल्याण पखवारा
बंध्याकरण लक्ष्य के अनुरूप पूरा करने के लिए हर साल परिवार कल्याण पखवारा मनाया जाता है. कोशिश यह रहती है कि इस पखवारा के तहत लक्ष्य के विरुद्ध अधिक से अधिक महिलाओं को बंध्याकरण कराया जाये. अमूमन 11 जुलाई यानी अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या दिवस से परिवार कल्याण पखवारा की शुरूआत होती है, लेकिन कटिहार जिले में पिछले कुछ वर्षो से परिवार कल्याण पखवारा महज औपचारिकता बन कर रह जाती है.