कटिहार: पारिवारिक मामलों के वादों में निरंतर वृद्धि को देखते हुए यह आवश्यक था कि जिले में एक अतिरिक्त फैमिली कोर्ट की स्थापना हो. अतिरिक्त परिवार न्यायालय की स्थापना आज के समाज की जरूरत बन गयी है. उक्त बातें उच्च न्यायालय पटना के मुख्य न्यायाधीश रेखा एम दोषित ने शनिवार को अतिरिक्त परिवार न्यायालय के उद्घाटन के मौके पर कही. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त परिवार न्यायालय की स्थापना का उद्देश्य यह नहीं होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा मामले दर्ज किये जाय. उन्होंने व्यवहार न्यायालय के वरीय अधिवक्ताओं को सलाह दी कि वे ऐसे जूनियर अधिवक्ता तैयार करें कि उनकी पहचान हमेशा कायम रहे.
परिवारिक मामलों के निष्पादन में आयेगी तेजी: जस्टिस डीके सिंह
निरीक्षी न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि अतिरिक्त परिवार न्यायालय की स्थापना से जिले के लोगों को एक अतिरिक्त न्यायालय की सुविधा प्राप्त होगी. जिससे पारिवारिक मामलों से संबंधित वादों के निष्पादन में तेजी आयेगी. उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई वादों की संख्या को देखते हुए जिले में यह अतिरिक्त फैमिली कोर्ट की स्थापना की गयी है.
अतिरिक्त परिवार न्यायालय के शुरुआत की घोषणा: विधि सचिव
बिहार सरकार के विधि सचिव बिनोद कुमार सिन्हा ने अतिरिक्त परिवार न्यायालय की स्थापना से संबंधित सरकार की ओर से जारी अधिसूचना को पढ़ा और शनिवार चार जनवरी से उसके प्रारंभ होने की घोषणा की.