कामगारों का भविष्य अधर में
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चार दिनों से बंद है नयी जूट मिल
कामगारों का भविष्य अधर में कटिहार : एनजेएमसी की इकाई आरबीएचएम जूट मिल पिछले चार दिनों से बंद है, लेकिन अब तक मिल खुलवाने की दिशा में काई सकारात्मक पहल स्थानीय जन प्रतिनिधि व जिला प्रशासन ने नहीं दिखाई है. जिसके कारण कामगारों का भविष्य अधर में लटक गया है. मिल बंद होने के कारण […]
कटिहार : एनजेएमसी की इकाई आरबीएचएम जूट मिल पिछले चार दिनों से बंद है, लेकिन अब तक मिल खुलवाने की दिशा में काई सकारात्मक पहल स्थानीय जन प्रतिनिधि व जिला प्रशासन ने नहीं दिखाई है. जिसके कारण कामगारों का भविष्य अधर में लटक गया है. मिल बंद होने के कारण सैकड़ों कामगार सड़क पर आ गये हैं और उन्होंने अपने भविष्य की चिंता सताये जा रही है.
क्या है मामला : मजदूरी का बकाया पीएफ इएसआइ को लेकर कामगारों के साथ मिल के ठेकेदार राहुल इंटरप्राइजेज के तुषार कांत दास के साथ वार्ता हुई थी. जिसमें ठेकेदार द्वारा 9 जनवरी 2015 को वेजेज, पीएफ, इएसआइ का लाभ देने की बात कही गयी थी. लेकिन जब 8 तारीख को कामगार जब मिल गये तो मिल का गेट बंद था और मुख्य गेट पर नोटिस लगाया गया था कि एनजेएमसी से जूट नहीं प्राप्त होने के कारण मिल को बंद किया जाता है. नोटिस की खबर पर कामगार भड़क गये और ठेकेदार के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे.
लेकिन इसका असर कुछ नहीं हुआ. कामगारों का कहना था कि उक्त ठेकेदार द्वारा दो माह का मजदूरी का बकाया रख लिया गया है. पीएफ, इएसआइ का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है.
एक साल से बंद है पुराना मिल : सनबायो मैन्यूफैक्चरिंग जूट मिल (पुराना जूट मिल) पिछले एक साल से बंद है. इस मिल के कामगार भी बंदी की मार झेल रहे हैं. इस मिल को भी प्रोडक्शन कम और बिजली आपूर्ति नहीं होने का हवाला देकर मिल प्रबंधन ने जनवरी 2015 में बंद कर दिया था, जो अब तक बंद है. पुराना मिल बंद होने के बाद काफी हो-हल्ला किया गया था. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, लोग इस बंदी को भूलते चले गये.
हजारों कामगार हो गये बेरोजगार
सनबायो मैन्यूफैक्चरिंग जूट मिल (पुराना जूट मिल) में साढ़े छह सौ कामगार कार्य कर रहे थे. तो आरबीएचएम जूट मिल में आठ सौ के करीब कामगार कार्य कर रहे थे. मिल चालू था तो हजारों घरों के चुल्हे जल रहे थे. मिल बंदी होने के बाद इन लोगों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
क्या कहते हैं कामगार
मिल के कामगार विनोद शर्मा, राज कुमार यादव, मोर्हरम खान, अशोक शर्मा, सिकंदर दास आदि लोगों ने बताया कि मजदूरी, पीएफ, इएसआइ का भुगतान किये बगैर मिल बंद कर दिया गया है. मिल बंद होने से हमलोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
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