कटिहार : नगर निगम कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. नगर परिषद से कटिहार को नगर निगम का दर्जा तो मिल गया, लेकिन कर्मचारियों की संख्या बढ़ने की जगह घट गयी. ऐसे में निगम की व्यवस्था कैसे ठीक रहेगी, यह बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है. कर्मचारियों की कमी को दूर करने की दिशा में सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हो रही है.
चूंकि जितने भी कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए उनकी जगह नये लोगों की बहाली ही नहीं हो सकी है. ऐसे में निगम क्षेत्र में जितने भी काम हो रहे हैं वह अनुबंध पर बहाल हुए कर्मचारी या डेलीविसेज पर काम करने वाले कर्मचारियों से हो रही है.
नगर परिषद से कटिहार को जब नगर निगर निगम का दर्जा काफी मशक्कत के बाद मिला तो लोगों को आश जगी थी कि अब शहर में विकास की गंगा बहेगी. सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, जिसके कारण शहरवासियों को सुविधा तो नहीं मिली लेकिन विभिन्न तरह के भारी-भरकम टैक्स जरूर देने पड़ रहे हैं.
प्रभात खबर ने मंगलवार को नगर निगम की स्थिति का जायजा लिया है और जानने का प्रयास किया है कि आखिर शहर वासियों को बेहतर सुविधा नहीं मिलने की क्या वजह है. पड़ताल के दौरान यह बात सामने आयी कि निगम कर्मचारियों की घोर कमी से जूझ रहा है. इससे छुटकारा जब तक नहीं मिलेगा तब-तक बेहतर सुविधा की बात करना ही बेमानी है.
कर्मचारियों के 253 कुल पद हैं स्वीकृतनगर निगम में कर्मचारियों के कुल 253 पद स्वीकृत है. इनमें 180 कर्मचारियों का पद वर्षों से रिक्त पड़ा हुआ है. मात्र 73 कर्मचारियों के द्वारा काम चलाया जा रहा है. दरअसल वर्षों से कर्मचारियों के रिक्त पड़े पदों के लिए बहाली ही नहीं हुई है.
खाली जगह को भरने की दिशा में सरकार की ओर से कोई पहल नहीं होने की वजह से यह समस्या खड़ी हुई है, जिसका सीधा असर निगम क्षेत्र में होने वाले सफाई कार्य सहित अन्य कामों पर पड़ रहा है. -अनुबंध पर बहाल किये गये हैं 125 कर्मचारी शहर की सफाई व्यवस्था बेहतर ढंग से होता रहे. इसके लिए 125 कर्मचारियों को अनुबंध पर रखा गया है. प्रत्येक कर्मचारी को 7200 रुपये का भुगतान मानदेय के रूप में किया जाता है.
इस तरह महीनें में करीब नौ लाख की राशि का भुगतान कर्मचारियों को मानदेय के रूप में किया जा रहा है. इनमें अधिकांश सफाई कर्मी शामिल है. -सफाई के लिए 7.36 लाख का हर माह होता है भुगतानशहर के नौ वार्ड की सफाई व्यवस्था का भार एनजीओ पंच फोंडेसन को दिया गया है. इन नौ वार्डों की सफाई के लिए निगम प्रशासन उन्हें प्रत्येक माह 7.36 लाख का भुगतान किया जा रहा है. इसके बावजूद शहर में सफाई व्यवस्था का स्थिति हमेशा बदहाल ही रहता है.
कैसे होगा निदाननगर निगम की ओर से जिस तरह पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है. उस हिसाब से काम नहीं हो रहा है. ऐसे में कही न कही शहरवासियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. कर्मचारियों की कमी को दूर करने की दिशा में सूबे में बनी नई सरकार पर दबाव बनाकर इस दिशा में काम को आगे बढ़ाया जा सकता है.