कटिहार : सनबायो जूट मैन्यूफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड (पुराना जूट मिल) को बंद हुए करीब आठ महीने गुजर चुके हैं. लेकिन अब इस मिल को पुन: चालू नहीं किया गया है. जिसके कारण छह सौ श्रमिक आज भी बेरोजगारी की समस्या की मार झेलने को विवश हैं.
ज्ञात हो कि तीन मई 2014 को जब इस मिल के श्रमिकों ने पारिश्रमिक भुगतान की मांग किया तो मिल प्रबंधन द्वारा मिल को बंद कर दिया गया. वहीं करीब छह माह बंद रहने के बाद बिहार सरकार के तत्कालीन श्रम संसाधन मंत्री ने इस मामले पर पहल किया था. तब जाकर आठ अक्तूबर को यह मिल खोला गया था,
जिसमें छह सौ मजदूरों की जगह मात्र डेढ़ सौ मजदूरों को कार्य पर रखा गया था बांकी के 450 मजदूर बेरोजगारी की मार झेल रहे थे. उनको आश्वासन दी जा रही थी कि बिजली आपूर्ति होने के बाद ही आप लोगों को काम पर रखा जायेगा. लेकिन मिल बंद होने तक बेरोजगारी झेल रहे मजदूरों को नहीं रखा गया.
दूसरी बार जब मिल जनवरी 2015 में बंद हुआ तो मिल प्रबंधन द्वारा प्रोडक्शन कम होने का हवाला दिया गया था. पांच दिसंबर को नया जूट मिल मजदूरों को होगा भुगताननया जूट मिल के प्रबंधक तारकनाथ चंद्रा ने बताया कि मिल मजदूरों के पारिश्रमिक का भुगतान पांच दिसंबर को किया जायेगा.
उन्होंने बताया कि अग्निकांड के कारण मजदूरों का पारिश्रमिक भुगतान में देरी हो गयी थी. इसी कारण भुगतान नहीं हो पाया था. सभी मजदूरों के पारिश्रमिक का भुगतान पांच दिसंबर को कर दिया जायेगा. -पुराना जूट मिल व नया जूट मिल में है कई अंतरडेहरिया स्थित पुराना जूट मिल एवं नया जूट मिल में कई अंतर है.
पुराना जूट मिल में जहां एक ओर बंद व खुलने का सिलसिला कई वर्षों से जारी है, जिसको ठीक करना जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के लिए भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. वहीं नया जूट मिल में बीते दिनों हुए भीषण अग्निकांड होने के बाद भी पुन: चालू कर दिया गया. वहीं पुराना जूट मिल के छह सौ मजदूरों जीवन बहुत कठिनाई से कट रही है.