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नीतीश मंत्रीमंडल पर टिकी है सियासी तबकों की निगाहें

कटिहार : छठ महापर्व के बाद गुरुवार को सियासी तबकों में शुक्रवार को होने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह की चर्चा जोरों पर रही. साथ ही यह चर्चा भी सियासी तबकों के बीच रही कि नीतीश मंत्रीमंडल का स्वरूप क्या होगी. दरअसल, 16 वीं विधानसभा चुनाव में कटिहार जिले के सात विधानसभा […]

कटिहार : छठ महापर्व के बाद गुरुवार को सियासी तबकों में शुक्रवार को होने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह की चर्चा जोरों पर रही. साथ ही यह चर्चा भी सियासी तबकों के बीच रही कि नीतीश मंत्रीमंडल का स्वरूप क्या होगी.

दरअसल, 16 वीं विधानसभा चुनाव में कटिहार जिले के सात विधानसभा सीटों में से चार सीटें महागठबंधन को गयी है. इसमें से तीन नये चेहरे हैं. ऐसे में सियासी तबकों में यह कयास लगाया जा रहा है कि नीतीश के कुमार के नये मंत्रीमंडल में कटिहार जिले का प्रतिनिधित्व होगा या नहीं.

कयासों के केंद्र में यह बात भी उभर कर सामने आ रही है कि अगर नीतीश मंत्रीमंडल में कटिहार को प्रतिनिधित्व मिलती है तो वह चेहरा कौन होगा. साथ ही नीतीश मंत्रीमंडल पहले जैसे स्वतंत्र रूप से काम कर सकेगा, इस बात को लेकर भी सियासी तबकों में चर्चाएं हो रही है. कयास पर आज लग सकता है विरामशुक्रवार को नीतीश कुमार अपनी तीसरी पारी की शुरुआत नये मंत्रीमंडल के शपथ के साथ करेंगे.

जिले में नयी मंत्रीमंडल को लेकर चल रहे कयास पर भी शुक्रवार को विराम लग जायेगा. सियासी तबका व राजनीति में थोड़ी-बहुत दिलचस्पी रखने वाले लोगों के बीच यह कयास लगाया जा रहा है कि आखिर नीतीश कुमार के नये मंत्रीमंडल का स्वरूप कैसा होगा. नीतीश के नये मंत्रीमंडल में कटिहार जिले का प्रतिनिधित्व होगा या नहीं.

इस बात को लेकर भी यहां चर्चाएं हो रही है. उल्लेखनीय है कि पिछली सरकार में नीतीश मंत्रीमंडल में जिले के बलरामपुर क्षेत्र के निर्दलीय विधायक दुलाल चंद्र गोस्वामी को जगह मिली थी. जिसमें श्री गोस्वामी श्रम संसाधन मंत्री बनाये गये थे. इस बार श्री गोस्वामी जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े व पराजित हो गये.

इन नामों पर हो रही है चर्चायहां के सियासी तबकों में नीतीश मंत्रीमंडल में कटिहार जिले से निर्वाचित महागठबंधन के चारों विधायकों के नामों की चर्चा हो रही है. सियासी तबकों के बीच हो रही चर्चा में अपने-अपने तर्क व आधार के साथ महागठबंधन के स्थानीय चारों विधायकों के नामों की चर्चा हो रही है. उल्लेखनीय है कि जिले में जिन चार महागठबंधन के विधायक जीते हैं. उनमें तीन कांग्रेस व एक राजद के हैं.

मंत्रीमंडल में शामिल होने को लेकर दलील देने वाले कुछ सियासी तबका का मानना है कि कोढ़ा की कांग्रेसी विधायक पूनम पासवान मंत्रीमंडल में शामिल हो सकती है. इसके पीछे तर्क यह दे रहे हैं कि सुश्री पूनम युवा व महिला तथा अनुसूचित जाति से आती है. सामाजिक समीकरण को लेकर पूनम का दावा अधिक बनती है.

वहीं जिले के कदवा से जीते कांग्रेसी विधायक डॉ शकील अहमद खान अल्पसंख्यक चेहरा होने के साथ-साथ कांग्रेस आला कमान से उनकी नजदीकी नीतीश मंत्रीमंडल में शामिल करा सकता है. दूसरी तरफ मनिहारी सुरक्षित सीट से लगातार दूसरी बार जीतने वाले कांग्रेसी विधायक मनोहर प्रसाद सिंह की दावेदारी भी मजबूत माना जा रहा है.

उनके दावे के पीछे यह तर्क किया जा रहा है कि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहने के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं व स्वच्छ छवि के हैं.

जबकि बरारी क्षेत्र से जीते राजद विधायक नीरज कुमार के बारे में भी चर्चा है कि उन्हें भी मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है.श्री कुमार के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि युवा होने के साथ-साथ पार्टी के लिए समर्पित रहे हैं.

नीतीश मंत्रीमंडल पर टिकी है सियासी तबकों की निगाहें

कटिहार : जिले के प्रतिनिधित्व को लेकर हो रही चर्चाओं के बीच इस बात पर भी विमर्श हो रहा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में नये सरकार का गठन किस तरह होगा.

खासकर करीब सात वर्ष तक भाजपा-जदयू के साथ तालमेल बैठा कर सरकार चलाने वाले नीतीश कुमार इस बार राजद-कांग्रेस के साथ सरकार चलाने की चुनौती है. ऐसे में न्याय के साथ विकास व सुशासन के दावे को किस तरह अमली जामा नीतीश पहनायेंगे. इस तरह की चर्चाएं जिले के सियासी तबकों व बुद्धिजीवियों के बीच हो रही है.

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