कटिहार: एक बार फिर रेल क्षेत्र से करीब 300 फुटपाथी दुकानदारों को हटाया गया. अतिक्रमण कारियों को हटाने के लिए रेल प्रशासन व पुलिस की ओर से पुख्ता इंतजाम किये गये थे. यही वजह रहा कि अतिक्रमण को हटाने में सफलता मिली. गुरुवार को रेल प्रशासन अतिक्रमण हटाने की पूरी तैयारी के साथ मॉडल स्टेशन […]
कटिहार: एक बार फिर रेल क्षेत्र से करीब 300 फुटपाथी दुकानदारों को हटाया गया. अतिक्रमण कारियों को हटाने के लिए रेल प्रशासन व पुलिस की ओर से पुख्ता इंतजाम किये गये थे. यही वजह रहा कि अतिक्रमण को हटाने में सफलता मिली. गुरुवार को रेल प्रशासन अतिक्रमण हटाने की पूरी तैयारी के साथ मॉडल स्टेशन परिसर पहुंची और माइकिंग द्वारा फुटपाथी दुकानों को स्वयं के स्तर से जगह खाली करने के लिए मात्र 10 मिनट का समय देते हुए घोषणा की.
रेल प्रशासन की पूरी तैयारी को देखते हुए दुकानदारों ने अपना-अपना दुकान तोड़ कर रेल परिसर को खाली करना शुरू कर दिया. इस दौरान आरपीएफ जवानों ने आम लोगों के आने-जाने का रास्ता तब तक घेर कर रखा. जब तक पूरी तरह से अतिक्रमण हटाया नहीं जा सका. अतिक्रमण हटाये जाने का कार्य डीआरएम उमाशंकर सिंह यादव एवं आरपीएफ सीनियर कमांडेंट मोहम्मद साकिब के संयुक्त निर्देश पर किया गया.
अतिक्रमण अभियान डीइएन चतुर्थ गौतम सिंह के नेतृत्व में किया गया. जबकि एडीईन डी चक्रवर्ती भी शामिल थे. वहीं आरपीएफ जवानों एवं पुलिस पदाधिकारियों को आरपीएफ के एएसपी आरके राय के द्वारा किया जा रहा है. इस अभियान में आरपीएफ इंस्पेक्टर इंद्रासन सिंह एवं बदरे आलम, सीआइबी के आरके सिंह सहित बड़ी संख्या में आरपीएफ के कांस्टेबल मौजूद थे. जबकि दंडाधिकारी के रूप में एम अंसारी (फ्लड कंट्रोल के जेई) एवं स्थानीय नगर थाना के पुलिस पदाधिकारी अनि नरेश कुमार अभियान में विशेष रूप से मौजूद थे. इस अतिक्रमण अभियान के मौके पर फुटपाथी दुकानदारों के बचाव के लिए कोई जनप्रतिनिधि या छुटभैया नेता नहीं देखा गया. लगभग तीन सौ फुटपाथी दुकानदारों की दुकान उजड़ा है.
रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न
रेलवे परिसर में फुटपाथी दुकानदारों पर रेल प्रशासन द्वारा की गयी कार्रवाई के बाद सैकड़ों लोगों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. उनके परिवारों के सामने भी रोजी रोटी की समस्या आ पड़ी है. फुटपाथ दुकानदारों को रेल परिक्षेत्र में बसाने के नाम पर कई नेताओं की दुकानदारी भी चलती रही है. लेकिन गुरुवार को अतिक्रमण को जब खाली कराया जा रहा था तो कोई भी फुटपाथी दुकानदारों के समर्थन में आगे नहीं आये. चूंकि रेल प्रशासन फुटपाथी दुकानदारों को हटाने के लिए कई बार प्रयास किया था. समय की मांग पर कार्रवाई टल रही थी.
भारी पुलिस बल की थी तैनाती
अतिक्रमण हटाने के लिए गुरुवार को पूरा रेलवे स्टेशन परिसर का क्षेत्र रेल पुलिस के छावनी में तब्दील हो गया था. इस कार्रवाई में सैकड़ों जवानों को लगाया गया था. यही वजह रहा कि कोई भी अतिक्रमण हटाने का विरोध नहीं कर सका. यदि कम बलों की संख्या होती तो अतिक्रमण हटाने का विरोध रेल पुलिस को ङोलनी पड़ती है. इसलिए काफी पुलिस तैनात थी.