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बिजली की बेरुखी से रात-दिन तड़प रहे लोग

कटिहार: जिले में पड़ रही प्रचंड गरमी के बीच बिजली आपूर्ति में व्यवधान ने उपभोक्ताओं को परेशान कर रखा है. लोड बढ़ने की वजह से बार-बार बिजली के ट्रिप होने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. यह स्थिति शहरी क्षेत्र की है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में तो 24 घंटे में 8 से 10 […]

कटिहार: जिले में पड़ रही प्रचंड गरमी के बीच बिजली आपूर्ति में व्यवधान ने उपभोक्ताओं को परेशान कर रखा है. लोड बढ़ने की वजह से बार-बार बिजली के ट्रिप होने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. यह स्थिति शहरी क्षेत्र की है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में तो 24 घंटे में 8 से 10 घंटे भी बिजली नहीं मिल रही है. वहीं करीब 1500 गांव ऐसे हैं ,जहां अब तक बिजली की व्यवस्था ही नहीं हो सकी है. ऐसे में उन स्थानों के लोगों का दिन का चैन व रातों की नींद उड़ा कर रख दी है.

लोग गरमी व धूप से त्रहिमाम कर रहे हैं. इस दिशा में गरमी से पूर्व बिजली विभाग की ओर से किये गये सभी दावे खोखले साबित हुए हैं. बिजली विभाग का दावा था कि गरमी के दिनों में बिजली आपूर्ति में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं होगी. लेकिन, अब भी बिजली आपूर्ति नियमित रूप से उपभोक्ताओं को नहीं मिल रही है.

शहर में बार-बार कट से बढ़ी मुश्किलें
शहर के उपभोक्ता इस भीषण गरमी में बिजली के बार-बार ट्रिप करने से परेशान हैं. हर 15 से 20 मिनट पर बिजली ट्रिप हो रही है. इसकी वजह यह बताया जा रहा है कि गरमी में फीडर व ट्रांसफॉर्मर पर लोड बढ़ने की वजह से यह समस्या उत्पन्न हो रही है. लेकिन सवाल उठता है कि गरमी है, तो लोड बढ़ेगा ही. उपभोक्ता पंखा, कूलर, एसी चलायेंगे ही, ऐसे में विद्युत विभाग को गरमी के पूर्व ही तैयारी करनी चाहिए थी. मंगलवार को शहर के मिरचाईबाड़ी के उपभोक्ता सहित अन्य मुहल्ले के उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़े.
ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति और भी बदतर
शहरी क्षेत्र में अमूमन बिजली आपूर्ति ठीक रहती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की स्थिति बदहाल है. ग्रामीण क्षेत्र में उपभोक्ताओं को आठ से दस घंटे ही बिजली मिल रही है. ऐसे में उपभोक्ताओं की परेशानी लाजिमी है. हालांकि, बारसोई, बलरामपुर, आजमनगर, कदवा के फीडर को पूर्णिया से बिजली मिलती है. कुरसेला को नवगछिया से बिजली मिल रही है. ऐसे में इन स्थानों के उपभोक्ताओं को और भी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. नियमित रूप से यहां के उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल पाती है.
चाहिए 35 मेगावाट मिल रही मात्र 18 मेगावाट बिजली
नियमित बिजली आपूर्ति के लिए जिले में 35 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. लेकिन इस भीषण गरमी में 18 मेगावाट ही बिजली मिल रही है. इससे ग्रामीण क्षेत्र में बिजली काट दी जाती है. जबकि शहर के उपभोक्ताओं को 18 से 20 घंटे बिजली मिल जाती है. लोगों का कहना है कि विभाग को गरमी में बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में पहले से ही तैयारी करनी चाहिए, ताकि लोगों को प्रचंड गरमी में इस तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़े.
रेलवे में 24 घंटे आपूर्ति
रेलवे क्षेत्र में इमरजेंसी बिजली आपूर्ति की जाती है. जिसके कारण वहां नियमित बिजली मिलती है लेकिन शहर के अन्य हिस्सों में इस भीषण गरमी में बिजली घंटों कटी रहती है. इससे उपभोक्ताओं में खासी नराजगी है.
अब भी 1500 गांव अंधेरे में
जिले में 1500 गांवों में अब भी अंधेरा छाया हुआ है. वहां राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना से काम होना है. लेकिन समय पर काम नहीं होने की वजह से कार्य अधर में लटका हुआ है. उन स्थानों के लोगों को बिजली के बिना ही अपनी दिनचर्या आजादी के बाद से निभा रहे हैं. इन गांवों के लोगों की दिन व रात कैसे कटती होगी, जहां बिजली ही नहीं है अंदाजा लगाया जा सकता है.
अमदाबाद प्रखंड में बिजली ही नहीं पहुंची
जिला का एक मात्र अमदाबाद प्रखंड है जहां आजादी के बाद भी अब तक बिजली नहीं पहुंच पायी है. वहां के लोगों पर स्थानीय प्रशासन व नेताओं का कोई ध्यान नहीं है. अमदाबाद प्रखंड की करीब ढेड़ लाख आबादी अंधेरे में जी रही है. लोगों का कहना है कि बिजली विभाग के साथ-साथ सरकार व यहां के जनप्रतिनिधि भी हम लोगों के साथ ना इंसाफी कर रहे हैं. इस सदी में भी जब प्रखंड में बिजली की आपूर्ति नहीं की जा रही है, बड़े ही दुख की बात है.

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