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मरीज की मौत पर परिजनों का हंगामा

कटिहारः सदर अस्पताल में शनिवार को एक मरीज की मौत से आक्रोशित परिजनों ने जमकर हो हंगामा कर तोड़-फोड़ किया. आक्रोशितों ने अस्पताल परिसर स्थित पुरुष निबंधन कार्यालय में तोड़ फोड़ किया. वही ड्यूटी पर रहे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों ने ओडी कक्ष व यक्ष्मा कार्यालय में छिपकर अपनी जान बचायी. घटना की जानकारी मिलते […]

कटिहारः सदर अस्पताल में शनिवार को एक मरीज की मौत से आक्रोशित परिजनों ने जमकर हो हंगामा कर तोड़-फोड़ किया. आक्रोशितों ने अस्पताल परिसर स्थित पुरुष निबंधन कार्यालय में तोड़ फोड़ किया. वही ड्यूटी पर रहे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों ने ओडी कक्ष व यक्ष्मा कार्यालय में छिपकर अपनी जान बचायी. घटना की जानकारी मिलते ही नगर थानाध्यक्ष उदय कुमार दलबल के साथ सदर अस्पताल पहुंचे व लोगों को समझाने-बुझाने में जुट गये. काफी मशक्कत के बाद आक्रोशित परिजनों को शांत कर उसे प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन देने को कहा. लेकिन परिजन ने कहा हम गरीब लोग क्या केस और मुकदमा क्या लड़ेंगे. यह कहते हुए शव को अपने घर ले कर चलते बने.

प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर थाना क्षेत्र के लाल कोठी निवासी नवल किशोर सिंह (30), पिता सिनई सिंह को सीने व पेट में तेज दर्द उठा. उसे उसके भाई अमित कुमार अविलंब इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया. जहां चिकित्सक ने उसे भरती कर इलाज आरंभ किया. इस बीच वह रातभर पेट दर्द से परेशान रहा. परिजनों का आरोप है कि पूरी रात नर्स वार्ड से गायब रही. जिस कारण बार-बार परिजन नवल की स्थिति को बिगड़ते देख कभी नर्स तो कभी चिकित्सक को बुलाने जाते लेकिन मरीज को कोई देखने नहीं आया. इस क्र म में सुबह हो गयी. परिजनों ने बेहतर इलाज नहीं होने पर नवल को निजी चिकित्सक के पास ले गया. जब निजी क्लिनिक में भी उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो परिजनों ने नवल को पुन: शनिवार को गंभीर अवस्था में अपराहन तीन बजे के करीब सदर अस्पताल ले आये. परिजनों का आरोप है कि उस समय आपातकालीन में चिकित्सक नहीं थे. इस क्रम में नवीन के परिजन चिकित्सक का इंतजार करते रहे.

इधर मरीज की स्थिति बिगड़ते ही जा रही थी. काफी देर बाद चिकित्सक पहुंचे. जैसे चिकित्सक ने मरीज का नब्ज देखा तो उसे मृत घोषित कर दिया. इस बात को सुनकर परिजन आक्र ोशित हो उठे और सदर अस्पताल में हंगामा करना आरंभ कर दिया. इस क्रम में निबंधन कार्यालय में तोड़ फोड़ की लोगों की भीड़ को देख चिकित्सक डा एके देव, डा एसके गुप्ता आदि पीछे गेट से अपनी जान बचाते हुए निकल कर यक्ष्मा कार्यालय की ओर चले गये और वही छिपकर हंगामा शांत होने तक रहे. वही घटना की जानकारी मिलते ही नगर थानाध्यक्ष उदय कुमार, सहायक थानाध्यक्ष अभय यादव, अवर निरीक्षक सुदामा सिंह सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी के दलबल के साथ सदर अस्पताल पहुंचे व लोगों को समझाने बुझाने में जुट गये. काफी मशक्कत के बाद पुलिस आक्रोशितों को समझाने में सफल रही.

चिकित्सक पर लगाया अनियमितता का आरोप

मृतक के परिजनो ंमें भाई अमित कुमार ने बताया कि रात में भी चिकित्सक अपने वार्ड में नहीं रहते है और न ही नर्स वार्ड में रहती है. स्लाइन चढ़ते रहता है पर उसे देखने वाला कोई नहीं है. इस बीच नवल की स्थिति काफी खराब हो गयी.

जब डॉक्टर व नर्स को ढूंढने गये तो काफी देर बात नर्स आयी. जिस कारण इलाज में अनियमितता को देख उसे अन्यत्र इलाज कराने ले गये. लेकिन नवल की स्थिति में सुधार नहीं होते देख पुन: रोगी इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर गये. लेकिन उस समय ओडी में चिकित्सक की नहीं थे. चिकित्सक के अनुपस्थित रहने के कारण इलाज में देरी होने से मेरे भाई की मौत हो गयी.

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