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आग लगी, तो देर से पहुंचेगी फायर ब्रिगेड

कटिहार : तेज हवा के साथ गरमी का प्रवेश हो चुका है. इसी मौसम में आग लगने की घटनाएं अधिक घटती है. पछिया हवा के झोंके से आग की चिनगारी विकराल रूप धारण कर कई घरों को जला देती है. ऐसी स्थिति में कटिहार फायर ब्रिगेड स्टेशन (अगिAशामक केंद्र) की स्थिति काफी खराब है. कटिहार […]

कटिहार : तेज हवा के साथ गरमी का प्रवेश हो चुका है. इसी मौसम में आग लगने की घटनाएं अधिक घटती है. पछिया हवा के झोंके से आग की चिनगारी विकराल रूप धारण कर कई घरों को जला देती है. ऐसी स्थिति में कटिहार फायर ब्रिगेड स्टेशन (अगिAशामक केंद्र) की स्थिति काफी खराब है. कटिहार की आबादी 2.32 लाख से ऊपर है. जबकि कटिहार शहर की आबादी भी तीन लाख से ऊपर हो गयी है. जिले के अगिAशामक केंद्र में आधारभूत संरचना का अभाव है.
101 नंबर है डेड
सरकार ने 101 नंबर पर डायल कर अगिAशामक केंद्र को आग लगने की सूचना देने की व्यवस्था की है. अगिAकांड वाले इलाके अथवा कोई भी व्यक्ति 101 नंबर डायल कर आग लगने की सूचना दे सकते हैं. साथ ही कटिहार फायर स्टेशन के लैंड लाइन नंबर 242000 पर भी अगिAकांड की सूचना देने की व्यवस्था है, लेकिन पिछले एक माह से यह दोनों नंबर डेड पड़ा हुआ है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग अगिAकांड रोकने के प्रति कितना गंभीर है.
एक भी प्रशिक्षित फायर मैन नहीं
यहां के अगिAशामक केंद्र की अपनी अलग कहानी है. सरकार को या तो यह व्यवस्था को बंद कर आम लोगों को भगवान भरोसे छोड़ देना चाहिए या फिर व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए. अब कटिहार में अगिAशामक केंद्र वर्षो से कार्य कर रही है, लेकिन यह केंद्र पिछले कुछ वर्षो से नि:शक्त है. इस केंद्र में एक भी प्रशिक्षित फायर मैन नहीं है.
दमकल तीन, चालक एक
शहर के इस केंद्र में तीन अगिAशामक वाहन यानी दमकल है. लेकिन मात्र एक चालक है. जबकि कुल 16 गृह रक्षक यहां कार्यरत हैं. मात्र तीन कर्मचारी यहां पदस्थापित है. स्टेशन प्रभारी के अलावा एक चालक व एक हवलदार पदस्थापित है. 16 गृहरक्षक में एक भी प्रशिक्षित नहीं है. इस व्यवस्था में शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में किस तरह आग पर काबू पाया जा सकता है, यह आसानी से समझा जा सकता है.
पानी की किल्लत
आधारभूत संरचना के साथ-साथ आग पर काबू पाने क लिए पानी की जरूरत पड़ती है. आग लगने की सूचना मिलने पर दमकल में पानी लेकर अगिAशामक दस्ता घटनास्थल पर पहुंचती है. लेकिन पिछले कुछ सालों से पानी की किल्लत के कारण दमकल में कोसी से पानी भरा जाता है.
गौशाला गुमटी से परेशानी
कभी-कभी अगिAकांड की सूचना मिलने पर सभी तैयारी के साथ जब अगिAशामक दस्ता घटनास्थल की ओर निकलती है तो शहर का गौशाला गुमटी से उसका सामना हो जाता है. गौशाला गुमटी बंद रहने की वजह से आधा-एक घंटा वहां रुकना पड़ता है. यहां से जब वह घटनास्थल पर पहुंचता है, तब तक न केवल सब कुछ जल राख हो चुका होता है बल्कि अगिAशामक दस्ता को आम लोगों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ता है.
आग लगने पर इस नंबर पर दें सूचना
अगर कहीं आग लगती है तो इसकी सूचना अगिAशामक स्टेशन के प्रभारी के नंबर 9525305117 व हवलदार के नंबर 9199818760 पर दे सकते हैं.

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