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नगर निगम के काम से लोगों में असंतोष, करोड़ों के उपकरण बेकार

कटिहार: नगर निगम द्वारा विभिन्न प्रकार के टैक्सों की वसूली तो की जाती है, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. सिर्फ अधिकारियों, कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों को सुविधाएं जरूर प्राप्त होती है. निगम द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर संसाधन तो उपलब्ध कर रखा है, लेकिन वे संसाधन या तो बेकार या खराब पड़े […]

कटिहार: नगर निगम द्वारा विभिन्न प्रकार के टैक्सों की वसूली तो की जाती है, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. सिर्फ अधिकारियों, कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों को सुविधाएं जरूर प्राप्त होती है. निगम द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर संसाधन तो उपलब्ध कर रखा है, लेकिन वे संसाधन या तो बेकार या खराब पड़े हैं. संसाधन के नाम पर 11 ट्रैक्टर, नौ ऑटो, दो जेसीबी, दो सकर मशीन, मच्छर मारने की फॉगिंग मशीन, पानी टंकी, तीन कंटेनर, एक बड़ा सकर मशीन जो अब तक बेकार पड़े हैं.
वार्ड में सफाई का हाल
नगर निगम कटिहार में कुल 45 वार्ड हैं. इन वार्ड की साफ-सफाई के लिए आउट सोर्सिग का उपयोग कर साफ -सफाई करायी जाती है. शेष सभी वार्डो की साफ -सफाई का कार्य स्वयं नगर निगम कर्मियों द्वारा करायी जाती है, लेकिन साफ -सफाई कार्य कितना और कैसा किया जाता है, यह तो नागरिकों की नजर से दिखता है.
नगर में फुटपाथी दुकानदारों की भरमार
नगर में फुटपाथी दुकानदारों की मानें तो कब्जा ही है. जिसके चलते शहर में आवागमन की समस्या बरकरार है. खास कर न्यू मार्केट में तो पैदल चलने वालों को भी मुश्किल होता है. क्योंकि सड़क पर सब्जी बेचने वालों का साम्राज्य स्थापित है. वहीं एमजी रोड, मंगल बाजार रोड, बाटा चौक, सिटी टिकट बुकिंग ऑफिस के पास आदि जगहों पर मोटरसाइकिल, ठेला, रिक्सा, साइकिल आदि का जमावड़ा, दुकानदारों द्वारा बोर्ड, दुकान का सामान आदि के जरिये किये गये अतिक्रमण से पैदा हो जाता है. यही कारण है कि आमलोगों का आना-जाना काफी कष्ट दायक होता है.
नगर-निगम से लोगों की उम्मीदें
नगर परिषद से नगर निगम बनने के बाद लोगों को उम्मीद बनी थी कि अब उपरोक्त समस्याओं से छुटकारा मिलेगा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पा रहा है. नगर निगम द्वारा बीच-बीच में दिखावे के लिए अतिक्रमण हटाने के नाम पर कुछ कर दिया जाता है, जो स्थायी नहीं होता है. यह जांच का विषय है. इसके लिए कौन दोषी है. आमलोग या स्वयं नगर निगम दोषी है. क्योंकि एक तरफ से अतिक्रमण हटाये जाते हैं. पुन: कुछ दिनों बाद बैठाये जाते हैं.
कहते हैं वार्ड पार्षद
नगर वार्ड पार्षद विमल सिंह बेगानी कहते हैं कि अतिक्रमण हटाने एवं साफ-सफाई के मामले को लेकर निगम की मीटिंग में बार-बार यह मामला उठाया जाता है. किंतु पदाधिकारी एवं कर्मचारी के नकारात्मक सोच के कारण इस पर अमल नहीं होता है. इसके लिए निगम प्रशासन दोषी है. इनके सह से ही शहर में अतिक्रमण व्याप्त है. बैठकों में निगम अधिकारी यह जवाब देकर टाल-मटोल करते हैं कि जब जिला प्रशासन द्वारा पुलिस बल मिलेगा, तभी अतिक्रमण हटाना संभव है. वार्ड पार्षद सूरज प्रकाश राय ने कहा कि साफ -सफाई का काम मोटा-मोटी ठीक है, लेकिन अतिक्रमण मुक्त नगर बनाने के लिए एक सशक्त कानून की आवश्यकता है ताकि अतिक्रमण हटाये जाने के उपरांत फिर से अतिक्रमण न हो.
नगर आयुक्त ने नहीं रखा अपना पक्ष मामलों पर नगर आयुक्त राकेश कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

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