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जिले में गंगा खतरे के निशान के पार

* अमदाबाद में एक लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में कटिहार : जिले में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. वहीं कोसी व महानंदा नदियों में भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. गंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि से कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया […]

* अमदाबाद में एक लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में

कटिहार : जिले में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. वहीं कोसी महानंदा नदियों में भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. गंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि से कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिससे हजारों की आबादी बाढ़ की चपेट में गयी है.

बाढ़ पीड़ितों को अब तक प्रशासन की ओर से राहत सुविधा प्रदान नहीं की जा सकी है. गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से सबसे अधिक प्रभावित अमदाबाद प्रखंड हुई है. इस प्रखंड के आधा दर्जन पंचायतों के 50 गांव के लगभग एक लाख की आबादी सिर्फ अमदाबाद प्रखंड में बाढ़ की चपेट में गयी है. जिसे राहत व्यवस्था उपलब्ध कराने की दरकार है.

अमदाबाद प्रखंड के पार दियारा, चौकिया पहाड़पुर, भवानीपुर खट्टी, दक्षिण करमुल्लापुर, दुर्गापुर एवं बैरिया पंचायत पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में गया है. वही बबला बन्ना, कृतिटोला, धन्नी टोला, जिलेबीटोला, मेघुटोला, चौक जामा, छब्बू टोला, इसूफ टोला सहित 50 से अधिक गांव गंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि के बाद बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इन गांवों में आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया. बाढ़ प्रभावित इन गांवों में लोगों को भोजन, शुद्ध पेयजल की घोर किल्लत बनी हुई है. लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर जाने की वजह से लोग चौकी, मचान आदि पर बैठकर रात गुजारने को विवश हो रहे हैं.

* पशुओं को नहीं मिल रहा चारा

जिले के अमदाबाद प्रखंड में आयी बाढ़ की वजह से पशुओं को चारा नहीं मिल पा रहा है. जिसके कारण पशुओं को भूखे ही रहना पड़ रहा है. यदि यही स्थिति रही तो पशु पालकों को लेने के देने पड़ सकते हैं. यही नहीं लोगों का सारा जलावन अन्य समान बरबाद हो गया है. लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं.

* कुरसेला में बाढ़ का संकट गहराया

कुरसेला : गंगा कोसी के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ संकट गहराने लगा है. प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. प्रभावित क्षेत्र में बाढ़ संकट को लेकर अफरातफरी मच गयी है. जानकारी अनुसार प्रखंड के लगभग 50 हजार की आबादी बाढ़ कि चपेट में चुकी है. कई गांवों का का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो चुका है. नाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गयी है.

पशुपालकों अपने पशुओं के साथ सुखे क्षेत्रों की ओर पलायन कर रहे हैं. बाढ़ प्रभावितों के बीच राहत कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है. इधर कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर प्रवाहित हो रही है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार कोसी नदी का जलस्तर 30 मीटर 80 सेमी पर बह रही है. इनके जलस्तर में प्रति घंटा हाफ सेमी का वृद्धि बना हुआ है. बीरपुर से 97370 नेपाल बराह क्षेत्र से 78200 क्यूसेक पानी बुधवार को कोसी नदी में निस्तारण किया गया है.

गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग नाव की समुचित व्यवस्था और राहत सहायता के लिये अंचल से गुहार लगाने लगे है. राहत कार्य को लेकर संबंधित स्थानीय अधिकारी सुस्त है.

* कुरसेला में डूबी नाव, बालबाल बचे लोग

कुरसेला : बाघमारा मेहर टोला के समीप नाव डूबने से लगभग 25 लोग बालबाल बच गये. सभी लोग नाव पर सवार होकर गांव लौट रहे थे. यह घटना गांव के समीप एक छोटे से धार में घटी. धार पार करने के लिए लोग क्षमता से अधिक नाव पर सवार हो गये थे. मछुआरे ने डूबते लोगों की जान नदी से बाहर निकाल कर बचाया. उनलोगों का कहना है कि बड़ी नाव की व्यवस्था नहीं होने से लोग छोटी नाव पर धार पार करने के लिए सवार हो गये थे.

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