* उपस्थिति संतोषजनक नहीं होगी तो छात्रों को भरने नहीं दिया जायेगा फार्म
कटिहार : शहर के डीएस कॉलेज के प्रांगण में बीएनएमयू के कुलपति डा आरएन मिश्र का मंगलवार को जोरदार स्वागत किया गया. डीएस कॉलेज में सेंट्रल बैंक के पूर्णकालिन शाखा भवन के बहुउद्देशीय प्रशाल का उदघाटन कुलपति ने किया.
मौके पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अधिनियम परिनियत के तहत चल रहे कार्य नहीं रूकेगा. यदि नियम परिनियत के प्रतिकुल होगा तो किसी भी परिस्थिति में कार्य नहीं होगा. विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में छात्रों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं होगी तो छात्रों को फार्म भरने नहीं दिया जायेगा.
प्रत्येक तीन माह पर विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष तथा महाविद्यालय के प्रधानाध्यापक से छात्रों की उपस्थिति पंजी मंगायी जायेगी. सेवानिवृत्त पेंशनधारी शिक्षकों को भुगतान समय पर कर दिया जायेगा.
* समय पर प्रकाशित किये जायेंगे परीक्षाफल
प्रतिकुलपति डा जयप्रकाश नारायण झा ने कहा कि समय पर परीक्षा लेकर समय पर परीक्षाफल प्रकाशित कर दिया जायेगा. अभिषद सदस्य डा परमानंद यादव ने कुलपति से शिक्षकों के प्रोन्नति व बकाया राशि एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्यो के प्रति जोरदार ढंग से ध्यान आकृष्ट कराया.
कॉमर्स के विभागाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री डा रामप्रकाश महतो ने कहा कि पूरे प्रदेश की चिंता छोड़िये बल्कि अपने विश्वविद्यालय के लिए ऐसा कार्य करे कि दूसरे विश्वविद्यालय आपके पद चिह्नें पर चले. उन्होंने कहा कि लंबी आयु जीकर कार्य करने से बेहतर है कि कम आयु में ज्यादा कार्य कर दिखाया जाये. उन्होंने छात्रों से स्वामी विवेकानंद के बताये मार्ग पर चलने का प्रेरणा देते हुए छात्रों से कॉलेज आने की अपील की. इस पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएस कॉलेज के प्राचार्य डा पवन झा ने किया.
इस अवसर पर महाविद्यालय निरीक्षक डा योगेंद्र प्रसाद यादव, मानव विज्ञान के संकायध्यक्ष डा शलेंद्र कुमार यादव, वाणिज्य विभाग के संकायध्यक्ष डा अशोक कुमार सिंह, डा एसएन झा, डा शैलेंद्र कुमार झा, सेवानिवृत्त प्रो मिथलेश कुमार सिंह, डा राम निवास शर्मा, डा राजदेव मिश्र, डा सुरेंद्र नारायण यादव, डा सुरेंद्र प्रसाद जायसवाल, डा कामेश्ववर पंकज, डा महिर ठाकुर, डा विलास कुमार, डा जगदीश चंद्रा, डा एसएन मंडल, डा एसके उपाध्याय, डा एसके झा, डा अनवर हुसैन, डा अब्दुल लतीफ हैदरी, कॉलेज कर्मी प्रदीप भगत, अमर प्रताप सिंह, ओम प्रकाश प्रसाद सहित बड़ी संख्या में महाविद्यालयों के शिक्षक आदि उपस्थित थे.