कटिहार: बच्चों को पांच जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए अब पेंटावैलेंट टीका लगाया जायेगा. इसकी शुरुआत कटिहार जिले में सात जनवरी से की जायेगी. सोमवार को समाहरणालय के सभागार में यूनिसेफ के द्वारा मीडिया उन्मुखीकरण कार्यशाला में जिला पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने यह बातें कही.
डीएम ने कहा कि डीपीटी व हेपेटाइटिस-बी के स्थान पर अब बच्चों को पेंटावैलेंट टीका दिया जायेगा. इस टीका से पांच घातक बीमारी गलाघोंटू, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस-बी एवं हिमेफिलिस इंफ्लूएंजा टाइप-बी से बचाव होगा. उन्होंने कहा कि बिहार में डीपीटी व हेपेटाइटिस-बी पहले से ही नियमित टीकाकरण में शामिल रहा है. अब इसमें हिब रोग का टीका को जोड़ा गया है. यह टीका पांच बीमारी से बचाव करता है. इसलिए इसे पेंटावैलेंट कहा जाता है.
हिब-बी से भी होगा बचाव . कार्यशाला में विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि यह टीका हिब बी यानी हिमेफिलिस इंफ्लूएंजा टाइप बी से होने वाली गंभीर रोग जैसे निमोनिया, मैनिजाइटिस, सेप्टिसेमिया एवं एपिग्लोराइटिस आदि की रोकथाम करता है. पेंटावैलेंट टीका बच्चों को लगने वाली सुईयों की संख्या को कम करेगा. अब बच्चों को अलग-अलग डीपीटी, हेपेटाइटिस बी और निमोनिया का टीका नहीं लगाना पड़ेगा. एक वर्ष तक के बच्चों को अब तक नौ टीके लगाये जाते थे. इसमें से एक टीका हिब बाजार से महंगी कीमत देकर लोग लगाते रहे हैं. लेकिन अब नौ के बजाय छह सुई ही बच्चों को लगानी पड़ेगी. जबकि डीपीटी एवं हेपेटाइटिस बी के बदले पेंटावैलेंट का टीका लगाना पड़ेगा. यह टीका बच्चों के छह, दस एवं चौदह सप्ताह पर दिया जायेगा. इसके अतिरिक्त संस्थागत प्रसव में जन्म के 24 घंटों के भीतर दी जानेवाली हेपेटाइटिस बी खुराक पहले की तरह जारी रहेगी. साथ ही 16-24 माह तथा 5-6 वर्ष का होने पर लगने वाली डीपीटी बुस्टर टीके पहले की तरह लगेंगे.
फाइव इन वन है पेंटावैलेंट. फाइव इन वन यानी पांच घातक बीमारी से बचाने वाला यह टीका जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं आंगनबाड़ी केंद्र में प्राप्त होगा. इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष अंजली देवी, उपविकास आयुक्त राधेश्याम साह, सिविल सजर्न डॉ सुभाष चंद्र पासवान, एसडीओ डॉ विनोद कुमार, अपर समाहर्ता अशोक झा, यूनिसेफ के एसएमसी आदित्य, डीआइओ डॉ नवल किशोर प्रसाद आदि मौजूद थे.