फोटो नं. 5 कैप्सन-कार्यशाला को संबोधित करते वक्ता.प्रतिनिधि, कटिहारलकड़ी के चमचमाती फर्नीचर की बढ़ती मांग के कारण वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. इसके कारण ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरे बढ़ रहा है. इसको कम करने के लिए बेम्बो विकास एजेंसी पूर्णिया के तत्वावधान में चयनित 30 बांस कृषकों को राज्य के अंदर बेम्बो कॉमन फेसिलिटी सेंटर कटिहार में एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर डीएचओ राकेश कुमार ने बताया कि बमबसा, बम्बोस, बी बेलकुआ, मोकला, बनबांस, हरोतया इत्यादि बांस की उन्नत प्रजातियां हैं. बांस की इन प्रजातियों को लगा कर किसान बांस से अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकता है. वहीं पूर्णिया डीएचओ डॉ राकेश कुमार ने कहा कि लकड़ी के परिपक्व होने में 40 से 50 साल तक लग जाते हैं. वहीं बांस का पौधा मात्र तीन साल में परिपक्व हो जाता है. इनसे वह सभी उत्पाद बनाये जा सकते हैं, जो कि लकड़ी से बनते हैं. मुख्य प्रशिक्षक उमेश जायसवाल ने बताया कि बांस से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाये जाते हैं. वर्तमान के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में अगरबत्ती स्टीक, होम डेकोरेटिंग आइटम, फर्नीचर, पेपर, बेम्बोबाइन इत्यादि की काफी मांग है. मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक, समन्वयक समेत सभी चयनित किसान मौजूद थे.
कार्यशाला मेंवृक्ष की कटाई रोकने पर बल
फोटो नं. 5 कैप्सन-कार्यशाला को संबोधित करते वक्ता.प्रतिनिधि, कटिहारलकड़ी के चमचमाती फर्नीचर की बढ़ती मांग के कारण वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. इसके कारण ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरे बढ़ रहा है. इसको कम करने के लिए बेम्बो विकास एजेंसी पूर्णिया के तत्वावधान में चयनित 30 बांस कृषकों को राज्य के अंदर बेम्बो कॉमन […]
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