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मांगलिक कार्य के लिए सिर्फ सात दिन शेष मकर संक्रांति के बाद 17 से बजेगी शहनाई

आजमनगर : इस वर्ष दिसंबर में 12 तारीख तक ही शहनाई बजेगी. इसके बाद लगभग 35 दिनों तक कोई भी शुभ कार्य नहीं होगा. फिर जनवरी माह में 17 तारीख से बैंड बाजा बजनी शुरू हो जायेगी. आचार्य रघुवर दयाल शास्त्री और विद्वान विकास चंद्र झा के मुताबिक गुरु स्वामी 14 और 15 दिसंबर की […]

आजमनगर : इस वर्ष दिसंबर में 12 तारीख तक ही शहनाई बजेगी. इसके बाद लगभग 35 दिनों तक कोई भी शुभ कार्य नहीं होगा. फिर जनवरी माह में 17 तारीख से बैंड बाजा बजनी शुरू हो जायेगी. आचार्य रघुवर दयाल शास्त्री और विद्वान विकास चंद्र झा के मुताबिक गुरु स्वामी 14 और 15 दिसंबर की मध्य रात्रि में पश्चिम में अस्त हो रहा. उनका उदय नव वर्ष के माह जनवरी की 9 तारीख को पूरब दिशा से हो रहा. इस बीच 16 दिसंबर को सूर्य दोपहर 3:30 बजे धनु राशि में प्रवेश कर जायेगा.

इससे मांगलिक कार्यों के लिए गुरु स्वामी की स्थिति कमजोर होगी. साथ ही खरमास होने के कारण विवाह आदि मांगलिक कार्य के लिए समय अनुकूल नहीं है. ऐसे में 14 जनवरी तक धनु राशि में सूर्य का भ्रमण काल रहेगा. इस कालखंड को ही खरमास कहा जाता है. इस अवधि में विवाह उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश आदि अन्य प्रकार के मांगलिक कार्य सर्वदा वर्जित किया गया है. उन्होंने ने बताया कि 17 जनवरी से मांगलिक कार्य शुरू होंगे.
खरमास में नहीं बनती है जोड़ियां : आचार्य शास्त्री व विद्वान झा बताते हैं कि खरमास महीने में सूर्य धनु राशि में रहते हैं. धनु और मीन राशि में होने के कारण सूर्य की स्थिति कमजोर हो जाती है. विवाह आदि शुभ कार्य के लिए ग्रह स्वामी सूर्य का मजबूत होना जरूरी है.
ग्रह चाल के मुताबिक मकर संक्रांति तक सूर्य की दशा यही रहती है. इस अवस्था में किसी भी मांगलिक कार्य का फलाफल प्राप्त नहीं होता है. ऐसे में परिणाम भी विपरीत हो सकता है.
कब-कब है शुभ मुहूर्त : आचार्य रघुवर दयाल शास्त्री के मुताबिक दिसंबर 7, 8,11,12, जनवरी 17,18,20,26,29,30,31, फरवरी 4,9,10,12,16,21,25,26,27,28 इन तारीखों को मांगलिक कार्य किये जा सकते हैं.

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