कटिहारः कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसे कृषि कार्य में नहीं लगा कर व्यवसायी कार्यो में लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. शहरी क्षेत्र में इन ट्रैक्टर को चलाने पर रोक है. क्योंकि इस पर नंबर अंकित नहीं रहता है. बावजूद उक्त वाहन का बेरोकटोक शहर में परिचालन हो रहा है.
कृषि कार्य के बहाने ट्रैक्टर निकाल कर व्यवसायी कार्यो में लगाये जाने से जहां एक ओर सरकार को राजस्व का चूना लगाया जा रहा है वहीं हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. शहरी क्षेत्र में कई बार ट्रैक्टर की चपेट में आकर लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. बड़ा सवाल यहां यह उठता है कि आखिर जिला मुख्यालय में ऐसे ट्रैक्टर का कैसे इस्तेमाल हो रहा है. जबकि ट्रैक्टर में डाला लगने के बाद उसका व्यवसायी श्रेणी का लाइसेंस परिवाहन विभाग से लेना अनिवार्य होता है. क्या परिवाहन विभाग के अधिकारी इन ट्रैक्टरों को डाला के साथ शहर में घुमने की पूरी आजादी दे दी गयी है. क्यों नहीं ऐसे वाहनों पर जांच पड़ताल के क्रम में कोई कार्रवाई होती है. यदि कभी कोई जांच अभिायान चलाया भी जाता है तो सिर्फ दो पहिया वाहनों की जांच पड़ताल कर खानापूर्ति की जाती है.
शहरी क्षेत्र में ईंट, गिट्टी, बालू, मिट्टी, लकड़ी आदि ढोने के लिए डाला वाला ट्रैक्टर का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है. वही नियमित रूप में एफसीआई, सीडब्लूसी, आलू गद्दी आदि स्थानों पर खुलेआम डाला वाले ट्रैक्टर का इस्तेमाल हो रहा है. सब देखकर भी पुलिस प्रशासन के लोग अंजान बने बैठे हैं.