कटिहार : एनएच 81 कटिहार-गेड़ाबाड़ी सड़क पर इन दिनों वाहन दौड़ नहीं रहे बल्कि रेंग रहे हैं. जर्जर सड़क को उखाड़ कर नये सिरे से बनाने के लिए कार्य चल रहा है. लेकिन काम इतना धीमा चल रहा है कि इसी तरह काम होता रहा तो चार-पांच वर्षों में भी काम पूरा नहीं हो सकेगा. […]
कटिहार : एनएच 81 कटिहार-गेड़ाबाड़ी सड़क पर इन दिनों वाहन दौड़ नहीं रहे बल्कि रेंग रहे हैं. जर्जर सड़क को उखाड़ कर नये सिरे से बनाने के लिए कार्य चल रहा है. लेकिन काम इतना धीमा चल रहा है कि इसी तरह काम होता रहा तो चार-पांच वर्षों में भी काम पूरा नहीं हो सकेगा. सड़क पर धूल की परतें बिछी हुई हैं. जब उस होकर बड़े वाहन गुजरते हैं,
तो सड़क पर धूल से अंधेरा छा जाता है. दूसरे छोटे वाहन दो पहिया, ऑटो सहित राहगीरों का धूल की वजह से चलना मुश्किल हो गया है. स्थानीय निवासी का घर से निकलना मुश्किल हो गया है.
हालत यह है कि सड़क किनारे की फसल भी धूल से बरबाद हो रही है. दरअसल सड़क निर्माण के दौरान धूल नहीं उड़े इसके लिए पानी छिड़काव किया जाना है. परंतु कटिहार-गेड़ाबाड़ी के बीच कही भी पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. नतीजतन लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. जो एक बार इस सड़क से होकर गुजर जाता है,
दोबारा जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता. ऐसा नहीं है कि इस बात की खबर जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों को नहीं है. जानकारी रहने के बावजूद कार्य एजेंसी को पानी छिड़काव करने के लिए नहीं कहा जाना या सख्ती नहीं बरतना कई सवालों को खड़ा करने के लिए काफी है. स्थानीय लोगों ने बताया कि वाहन गुजरते ही राहगीरों का धड़कन तेज हो जाता है. राहगीर से लेकर बाईक सवार धूल से सराबोर हो जाते है. शैक्षणिक संस्थान के छात्रों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इस सड़क पर दिनभर धूल कण से उड़ते रहता है. जिसके कारण इस सड़क से गुजरने वाले बाइक सवार साइकिल, बाइक सवार एवं पैदल चलने वाले यात्रियों को धूलकण से परेशान हो रहे है. सड़क के किनारे दुकानदार भी काफी परेशान हैं.
कहते हैं दुकानदार
दुकानदार उमेश कुमार, पवन कुमार, इलियास हुसैन, अकबर अली, महेश कुमार का कहना है कि सुबह से देर शाम तक इस सड़क के किनारे दुकान का संचालन करते हैं. लेकिन पिछले कई दिनों से इस सड़क की निर्माण कार्य को लेकर सड़क पर काफी धूल है. जब बड़ी वाहन तीव्र गति से गुजरते हैं, तो धूल दुकान में प्रवेश कर जाता है. यह सिलसिला दिन भर लगा रहता है. जिसके कारण व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. धूल उड़ने से दुकान में रखी सामग्री बर्बाद हो रही है. इसके कारण दुकानों में ग्राहक का आना कम हो गया है.
सड़क के किनारे बसे ग्रामीण दिलीप कुमार, अशोक कुमार, जाकिर हुसैन, बीरबल मंडल का कहना है कि पिछले दो माह से सड़क पर वाहनों के गुजरने से दिनभर सड़क पर धूल उड़ती है. घर के सभी सामान धूल से पट जाते हैं. बिछावन धूल से भरा रहता है. इससे धूल के कारण नवोदय विद्यालय के बच्चे व शिक्षक भी परेशान हैं. सड़क के किनारे कोलाशी बुनियादी विद्यालय है. यहां भी बच्चे व शिक्षक दिन भर धूल से परेशान रहते हैं. जिन लोगों को सांस की बीमारी है, उनका तो जीना दुश्वार हो गया है.
सड़क किनारे एक घंटा भी रहना मुश्किल
कोलासी ओपी प्रभारी उमेश चंद्र पांडे ने कहा कि सुबह से लेकर देर रात तक इस सड़क पर वाहन के परिचालन होने से दिन भर धूल उड़ने से जीना मुश्किल हो गया है. इसके अलावा भी कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं. इस सड़क के किनारे स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में भी धूल की वजह से लोग आने से कतराते हैं. कोलासी उप स्वास्थ्य केंद्र पिछले कई दिनों से बंद देखा जा रहा है.