मरीज परेशान. अस्पताल प्रशासन पर संवेदक का 42 लाख रुपये बकाया, नहीं हुआ भुगतान
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सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड व एक्सरे बंद
मरीज परेशान. अस्पताल प्रशासन पर संवेदक का 42 लाख रुपये बकाया, नहीं हुआ भुगतान कतार में लगे मरीज निराश लौटे वापस कटिहार : भले ही सरकार सूबे में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था की बात कहती हो व मरीजों के लिए कई स्वास्थ्य सेवा अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, ब्लड टेस्ट आदि मुहैया कराने की बात कहती हो, लेकिन हकीकत […]
कतार में लगे मरीज निराश लौटे वापस
कटिहार : भले ही सरकार सूबे में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था की बात कहती हो व मरीजों के लिए कई स्वास्थ्य सेवा अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, ब्लड टेस्ट आदि मुहैया कराने की बात कहती हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है. हालांकि जिले के सदर अस्पताल में कुछ वर्षों से एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की सेवा मिल रही थी, कई बार बकाये राशि के भुगतान व अन्य मांग को लेकर एक्सरे, अल्ट्रासाउंड केंद्र के संवेदक ने सीएस व जिला स्तर पर अपनी बकाये राशि की भुगतान की बात कहते हुए काम ठप किया,
लेकिन तत्कालीन सीएस व जिलाधिकारी के आश्वासन पर संवेदन पुन: इन केंद्रों को सुचारु रूप से आरंभ करते आ रहे हैं. इधर 18 माह से बकाये राशि का भुगतान नहीं मिलने के कारण सोमवार को उप संवेदक मन्नु कुमार गिरि के निर्देश पर बकाये राशि के भुगतान को लेकर अल्ट्रासाउंड व एक्सरे जांच का काम स्वास्थ्य कर्मी ने बंद कर दिया. इससे अस्पताल में हड़कंप मच गया. एक्सरे व अल्ट्रासाउंड काउंटर के सामने कतारबद्ध खड़े दर्जनों मरीजों में संचालक की बात से मायूसी छा गयी. मरीजों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा.
गर्भवती महिलाओं को हुई परेशानी
इधर सदर अस्पताल में प्रसव कराने आयी महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के साथ उनका अल्ट्रासाउंड कराया जाता है. ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे की सही स्थिति की जानकारी चिकित्सक को हो सके, लेकिन सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड नहीं होने के कारण इन मरीजों को भी खासी परेशानी हो रही थी. गर्भवती महिलाओं को परिजन यत्र तत्र अल्ट्रासाउंड कराने ले जा रहे थे. गर्भवती महिला के परिजन मो सद्दाम व शिवपूजन ने बताया कि वे काफी गरीब हैं. इस कारण अपने परिवार का इलाज कराने सदर अस्पताल आये हैं, लेकिन अल्ट्रासाउंड नहीं होने के कारण उन्हें काफी कठिनाई हो रही है.
छह सौ से एक हजार रुपये तक लग रहा बाहर अल्ट्रासाउंड कराने में
जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र से सदर अस्पताल पहुंचे. दर्जनों मरीज जिनके परिजन सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड या फिर हड्डी टूटने या फिर अन्य समस्या को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे थे. उनका एक्सरे व अल्ट्रासाउंड सदर अस्पताल में नहीं होने पर सभी चिंतित थे. सरकारी व्यवस्था पर सवाल निशान खड़ा कर रहे थे.
मरीज व उसके परिजनों ने बताया कि एक्सरे के लिए तीन सौ से पांच सौ रुपये तथा अल्ट्रासाउंड के लिए छह सौ से लेकर एक हजार रुपये तक चुकाना पड़ रहा है. सदर अस्पताल हम गरीब लोग ही पहुंचते हैं. अगर आर्थिक रूप से वह मजबूत होते तो सदर अस्पताल ही इलाज कराने कई किलोमीटर का सफर तय कर क्यों आते.
कहते हैं संवेदक
22 नवंबर 2016 से सदर अस्पताल कटिहार में अल्ट्रासाउंड का काम प्रारंभ किया गया था. अल्ट्रासाउंड प्रति मरीज डेढ़ सौ से 200 अस्पताल के द्वारा देने का नोटिफिकेशन किया गया था. इससे प्रतिमाह लगभग तीन लाख रुपया का बिल होता है, लेकिन 14 महीने से अल्ट्रासाउंड का लगभग 42 लाख अस्पताल प्रबंधन के पास बकाया है. जब तक उक्त राशि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा भुगतान नहीं किया जाता है. मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड सेवा तब तक के लिए बंद रहेगी.
मनु कुमार गिरी व अवधेश गिरी, संवेदक
कहते हैं सीएस
अल्ट्रासाउंड व एक्सरे जांच उपसंवेदक ने सोमवार को 18 माह से लंबित बकाये राशि के भुगतान के अभाव में बंद कर दिया है. इसमें स्थानीय प्रशासन की कोई भूमिका नहीं है. सरकार के आदेश पर राशि आवंटन के बाद ही बकाये का भुगतान संभव है और सदर अस्पताल संचालित एक्सरे केंद्र व अल्ट्रासाउंड खुल पायेगा. फिलहाल इस संदर्भ में मुख्यालय पटना को लिखित सूचना दे दी गयी है.
आरएन सिंह, सीएस
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