जिले में नहीं थम रही अपराध, हत्या, लूट व चोरी की घटनाएं
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ग्यारह माह में जिले में 67 हत्या, 232 चोरी की घटनाएं
जिले में नहीं थम रही अपराध, हत्या, लूट व चोरी की घटनाएं पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल कटिहार : जिले में अपराध की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है. पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने तथा अपराध रोकने में विफल साबित हो रही है. अपराधी जिले की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर […]
पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
कटिहार : जिले में अपराध की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है. पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने तथा अपराध रोकने में विफल साबित हो रही है. अपराधी जिले की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर बेखौफ अपराध की घटना को अंजाम दे रहे हैं. घटना के बाद पुलिस मामले में हाथ मलती रह जाती है. जिले में बीते माह घटित लूट, हत्या के कई ऐसे मामले हैं, जिसमें पुलिस को किसी प्रकार की सफलता नहीं मिली है. मृतक के परिजन अभी भी पुलिस पदाधिकारी के कार्यालय के चक्कर काटने को विवश हैं
हालांकि कटिहार एसपी डॉ सिद्धार्थ मोहन जैन के कार्यकाल के दौरान कई घटनाओं में पुलिस को सफलता मिली, आरोपित की भी गिरफ्तारी की गयी. बावजूद अब भी दर्जनों ऐसे मामले हैं, जिसके कारण लोग पुलिस की कार्यशैली पर अंगुली उठा रहे हैं. लोगों में पुलिस का विश्वास कम हो रहा है जबकि अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं.
चोरी व हत्या की घटना ने खोली सुरक्षा व्यवस्था की पोल: जिले के चोरी व हत्या की घटना ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिये. सितंबर व अक्तूबर माह में जिले में तकरीबन दर्जन भर हत्या की घटना हुई. इसके अलावा कटिहार के शहरी क्षेत्रों में तीन दर्जन से अधिक चोरी की घटना हुई है. एक दिन में पांच-पांच घरों में अपराधियों ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया. दो माह की बात की जाये तो सहायक थाना क्षेत्र स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी में सीजेएम आवास पर ही चोरों ने धावा बोल कर चोरी की वारदात को अंजाम दिया. उक्त मामले में भी पुलिस के हाथ खाली ही है.
नकेल कसने में विफल साबित हो रही है पुलिस: जिले में अपराध की घटनाओं की बात की जाये तो वर्ष 2017 के जनवरी माह से अब तक जिले में तकरीबन 67 हत्याएं हो चुकी है. डकैती- 05, लूट 20, चोरी 232, अपहरण दो, रैमस के लिए, दुष्कर्म 72, अपहरण शादी की नियत से या फिर अन्य कारणों से 135, रोड डकैती चार सहित 3385 अापराधिक घटनायें घटित हो चुकी है. बावजूद दिनों दिन जिले में अापराधिक घटना बढ़ती जा रही है. उसपर नकेल कसने में पुलिस विफल साबित हो रही है.
दियारा क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर होती रहती है गोलीबारी व हत्याएं
जिले के दियारा क्षेत्रों में वर्चस्व को लेकर दिन दहाड़े अलग-अलग गुटों में गोलीबारी चलती रहती है. दियारा क्षेत्रों में काला सोना (कलाई फसल की लूट), मछली मारने व अन्य मामलों को लेकर अलग-अलग गुटों में हिंसक झड़प तथा कई-कई राउंड गोली चलती रहती है. कुछ दिन पूर्व मो मिन्हाज की भी हत्या गंगा में मछली मारने के वर्चस्व को लेकर ही की गयी थी. दियारा क्षेत्रों में दो गुटों में होने वाली हिंसक झड़प में हत्या की भी बात सामने आती है, लेकिन शव को अपराधी या तो गंगा नदी में पत्थर बांध कर फेंक देते हैं या फिर उसे दियारा में गाड़ दिया जाता है. इस कारण हत्या के बाद भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगता है.
दियारा में मोहन ठाकुर, रामजी यादव, मनीर गिरोह है सक्रिय
दियारा क्षेत्र में मोहन ठाकुर गिरोह, रामजी यादव गिरोह व मनीर गिरोह के लोग सक्रिय हैं. कुछ दिन पूर्व मछली मारने व नदी घेरे जाने की विवाद को लेकर मनीर के पुत्र मिन्हाज की हत्या अपराधियों ने कर दी थी. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों गुटों में कई राउंड गोलियां भी चली थी. मामले में मिन्हाज की पत्नी के बयान पर मोहन ठाकुर सहित बीस लोगों को नामजद करते हुए प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी थी.
2016 की अपेक्षा अपराध की घटनाओं में आयी है कमी: एसपी
एसपी डॉ सिद्धार्थ मोहन जैन ने बताया कि जिले में अपराध की घटनाओं में 2016 की अपेक्षा कमी आयी है. पुलिस लगातार अपराधियों या उनके मंसूबों पर पानी फेरते आ रही है. कई बार पुलिस ने अपराधियों को अपराध की योजना बनाते तक गिरफ्तार किया है, जिसमें कई दूसरे राज्य व जिले के अपराधी भी थे. यहां तक कि एक बार मिनी गन फैक्ट्री की उद्भेदन सहित छह अपराधियों की गिरफ्तारी तथा दूसरी बार कारबाईन, दो राइफल, तीन देशी कट्टा सहित चार अपराधियों की गिरफ्तारी की है.
हां हत्या में अगर भाई-भाई की हत्या कर दे तो फिर पुलिस का इसमें क्या रोल है. फिर भी उपरोक्त मामले में पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए अपराधी को गिरफ्तार करती है. इसके अलावे जघन्य कांड के मामले में भी कई कांड का उद्भेदन कर पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.
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