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3000 मामले दर्ज, फिर भी बिक व पकड़ी जा रही शराब

शराबबंदी को पदाधिकारी नहीं ले रहे रुचि कटिहार : सरकार की ओर से शराब बंदी अभियान की मुहिम को शराब कारोबारियों ने शत प्रतिशत सफल नहीं होने दिया. पिछले ढ़ेड़ वर्षों में तीन हजार से ज्यादा मामले दर्ज किये गये हैं. जबकि सात हजार से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके बावजूद जिले […]

शराबबंदी को पदाधिकारी नहीं ले रहे रुचि

कटिहार : सरकार की ओर से शराब बंदी अभियान की मुहिम को शराब कारोबारियों ने शत प्रतिशत सफल नहीं होने दिया. पिछले ढ़ेड़ वर्षों में तीन हजार से ज्यादा मामले दर्ज किये गये हैं. जबकि सात हजार से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके बावजूद जिले में शराब बंदी कानून का असर नहीं पड़ा है. सरकार की ओर से लगातार शराबबंदी के प्रयास और बने कानून में कोई ढिलाई नहीं दी गयी है. शराबबंदी कानून जब पूर्ण रूप से प्रभावी हुआ तो काफी टीका-टिप्पणी की गयी थी.
लेकिन सरकार शराबबंदी कानून में किसी भी प्रकार का संशोधन करना तो दूर और भी इसे सख्त बनाने का निरंतर प्रयास जारी है. जिले के विभिन्न सरकारी नुमाइंदों सहित संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को शराबबंदी कानून के प्रति जिम्मेवार बनाया गया.
किन-किन पदाधिकारियों को दी गयी है मामले दर्ज करने का आदेश . उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग अपने शराबबंदी अभियान को सफल बनाने के लिए सामान्य प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन के उच्च पद पर बैठे पदाधिकारियों से लेकर निम्न पद तक के पदाधिकारियों को शराब से जुड़े कारोबारियों अथवा पियक्कड़ों के विरुद्ध मामले दर्ज करने का आदेश दिया है. जिला पदाधिकारी से लेकर अपर समाहर्ता,
अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल पदाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक से लेकर पुलिस उपाधीक्षक, थाना अध्यक्ष, पुलिस निरीक्षक, अवर पुलिस निरीक्षक को सीधे तौर पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.
पिछले ढ़ेड़ वर्षों में दर्ज हुए लगभग 3000 मामले . राज्य में शराबबंदी को लेकर बनाये गये नये कानून के लागू होने के पश्चात उत्पाद एवं मद्य विभाग तथा संबंधित थाने में दर्ज मामले को देखा जाय तो जिले में अब तक विगत ढ़ेड़ वर्षों में 3000 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं. इन मामलों में लगभग 2000 मामले उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की ओर से दर्ज किया गया. उसे अन्य मामले जिले के विभिन्न थानों में दर्ज किये गये. इस दौरान लगभग 7000 अभियुक्तों की गिरफ्तारियां हो चुकी है.
कहते हैं उत्पाद अधीक्षक
उत्पाद अधीक्षक अरुण कुमार से बात करने पर कहा कि इस क्षेत्र में छोटे कारोबारियों की संख्या ज्यादा है. जो सीमावर्ती क्षेत्रों से मोटरसाइकिल से शराब को एक दूसरे जगह पहुंचाने का कार्य करते हैं. छोटे-छोटे कारोबारियों के लिए ट्रेन सुगम माध्यम है. विभाग की ओर से पुलिस प्रशासन तथा रेल पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर निरंतर छापेमारी की जा रही है.
उन्होंने कहा कि यह सही है के पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष भी मामले दर्ज होने में कमी नहीं आयी है. लेकिन यह सच है कि जितनी छापेमारी की जायेगी उतना ही अधिक गिरफ्तारियां होगी और मामले में दर्ज किये जायेंगे.

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