कटिहार : एक सप्ताह से विद्युत आपूर्ति चरमराने के कारण शहरी क्षेत्र समेत पूरे जिले में लोगों को समय बिताना भारी पड़ रहा है. विभाग की ओर से इस संबंध में किसी भी तरह से कोई भी सूचना नहीं दी जा रही है. इससे कब बिजली आयेगी, कब कटेगी. इसको लेकर उपभोक्ताओं में उहापोह की […]
कटिहार : एक सप्ताह से विद्युत आपूर्ति चरमराने के कारण शहरी क्षेत्र समेत पूरे जिले में लोगों को समय बिताना भारी पड़ रहा है. विभाग की ओर से इस संबंध में किसी भी तरह से कोई भी सूचना नहीं दी जा रही है. इससे कब बिजली आयेगी, कब कटेगी. इसको लेकर उपभोक्ताओं में उहापोह की स्थिति बनी रहती है. रविवार की रात में बिजली की आंख मिचौनी जारी थी. लगभग एक घंटा आपूर्ति बंद कर दी गयी. शहर के कई इलाकों में बिजली गुल थी. सोमवार की सुबह भी बिजली काट दी गयी थी.
दिन भर तक बिजली आने-जाने का सिलसिला जारी रहा. इस दौरान कई इलाके के लोगों को पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ा. बिजली नहीं रहने के कारण मोटर के द्वारा पानी नहीं निकाला जा सका. इसके कारण लोगों को काफी परेशानी हुई. ऊपर से इस उमस भरी गर्मी में लोग तड़पते रहे. कुछ उपभोक्ताओं ने बताया की बिजली गुल होने के बाद जब विद्युत विभाग में फोन लगाया गया, तो वहां से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला. कई बार तो ऐसा हुआ कि रिंग होने के बावजूद फोन नहीं उठाया जा रहा था. अगर ऐसी ही हालत रही, तो लोगों के लिए इस उमस भरी गर्मी में दिन व रात काटना मुश्किल हो जायेगा.
कितनी मिलती है आपूर्ति
विभागीय सूत्रों की मानें तो 52 मेगावाट बिजली की आपूर्ति कटिहार ग्रिड को चाहिए. इसके बाद शहरी क्षेत्र समेत पूरे जिले में निर्बाध विद्युत की आपूर्ति हो सकेगी. हालांकि वर्तमान में विभाग को 50 से 52 मेगावाट बिजली मिल रही है. बावजूद इसके विद्युत आपूर्ति में कटौती जारी है. कटिहार ग्रिड से एक से डेढ़ मेगावाट विद्युत आपूर्ति रेलवे को होती है. इतनी कम आपूर्ति में रेल में बिजली निर्बाध रूप से रहता है, जबकि सिविल लाइन वाले उपभोक्ता का हाल बुरा है.
राजस्व में अव्वल सुविधा देने में फिसड्डी
विद्युत विभाग कटिहार से राजस्व बिजली बोर्ड को अधिक जाता है. कई बार यह जिला राजस्व देने के मामले में पूरे बिहार में अव्वल रहा है. इतना ही नहीं राजस्व देने के कारण 2014 में तत्कालीन डीएम प्रकाश कुमार को मुख्यमंत्री पुरस्कृत भी कर चुके हैं. इसके बावजूद जिले में विद्युत की आपूर्ति इस तरह से चरमराने से उपभोक्ता खासे नाराज हैं.
कहते हैं कार्यपालक अभियंता
कार्यपालक अभियंता आपूर्ति सीताराम पासवान ने बताया कि वर्तमान में आपूर्ति कम मिल रही है. उसी में सभी इलाकों में बिजली आपूर्ति की जा रही है.
लगाये आरोप
बिजली का उपयोग करने वाले कई उपभोक्ताओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जेइ स्तर के पदाधिकारी व्यावसायिक क्षेत्र में सुविधा शुल्क लेकर विद्युत की आपूर्ति करते हैं. और आम उपभोक्ताओं के लिए विद्युत की आपूर्ति ठप कर देते हैं. हालांकि यह बात कहां तक सच है जांच का विषय है. लेकिन विद्युत की आपूर्ति दो दिनों से कटना कई सवाल खड़े कर रहा है.