31.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एटीएम तो ठीक, पेटीएम क्या है !

नोटबंदी. कैशलेस लेनदेन दरकिनार, नकदी पर टिका है बाजार अधिकतर लोगों को अभी भी कैशलेस पेमेंट की जानकारी नहीं लोगों ने कहा – खाते में पैसे होंगे तभी तो आदमी होगा कैशलेस भभुआ सदर : नोटबंदी के 50 दिन पूरे होनेवाले हैं, फिर भी भभुआ शहर और गांवों के खेतों में काम करनेवाले किसान और […]

नोटबंदी. कैशलेस लेनदेन दरकिनार, नकदी पर टिका है बाजार
अधिकतर लोगों को अभी भी कैशलेस पेमेंट की जानकारी नहीं
लोगों ने कहा – खाते में पैसे होंगे तभी तो आदमी होगा कैशलेस
भभुआ सदर : नोटबंदी के 50 दिन पूरे होनेवाले हैं, फिर भी भभुआ शहर और गांवों के खेतों में काम करनेवाले किसान और गंवई मंडियों के छोटे दुकानदारों के साथ ग्राहकों की जिंदगी आज भी कैश के सहारे ही चल रही है. उन्हें न तो कैशलेस के बारे में जानकारी है और न ही वे कैशलेस भुगतान करना चाहते हैं. मंगलवार को प्रभात खबर ने शहर के बाजारों सहित गांव के किसानों और वहां की मंडियों का जायजा लिया तो अधिकांश लोगों ने कैशलेस पेमेंट के बारे में जानकारी न होने की बात कही. कुछ लोगों का गंवई अंदाज में कहना था कि ‘साहब, एटीएम त जानत तानी, ई पेटीएम का होला (साहब, एटीएम तो जानता हूं ये पेटीएम क्या होता है).’
इलाका छोटा, कैसे मिलेगा उधार
शहर से सटे सीवों गांव के खेत का जायजा लेते किसान त्रिभुवन सिंह मिल गये. उनसे बात की गयी तो उन्होंने कहा कि सीधे खाते से अगर खरीद की जायेगी, तो उन्हें छह महीने का उधार कैसे मिलेगा. अगर, हमारे खाते में पैसा नहीं होगा, तो दुकान भी उधार नहीं देगा.
ऐसे तो बहाना भी होता है, कि बैंक जायेंगे तो पैसा निकाल कर उधारी चुकता कर देंगे. त्रिभुवन सिंह से बातचीत का सिलसिला खत्म हुआ था कि राह चलते मिल गये हरिहर कुशवाहा. उन्होंने सारी बातें सुनी और कहा कि कैशलेस बड़े शहरों के चालाक लोगों के लिए है. यहां हमलोग मोबाइल में पैसा भरवाने के लिए भी दुकानदार पर आश्रित होते हैं. अब ऐसे में इस तरह की व्यवस्था में तो दुकानदार कितना पैसा ले लेगा, पता ही नहीं चल पायेगा.
सरकार जो चाहेगी, वही होगा
दोपहर साढ़े तीन बजे शहर के अखलासपुर गांव में बृजलाल कुशवाहा लू के खेत में कोड़ाई करते मिल गये. कैशलेस लेनदेन के बारे में बात की गयी तो उन्होंने उल्टे पूछा कि कैसे संभव है.
किसान ने बताया कि उनका खाता पंजाब नेशनल बैंक में है. एंड्रॉयड फोन और पेटीएम के बारे में पूछने पर कहा कि साहब लइकन के मुंह से एटीएम सुनले बानी ई पेटीएम का होला. वहीं पास के खेत में सारी बातें सुन रहे किसान काशी गोंड को भी जब नहीं रहा गया तो उन्होंने कहा सरकार जवन चाही उहे न होई, ई कैशलेस का होला अउर कैसे काम करी इ हमनी के लइकनो के नइखे मालूम, हमनी के त अभियो रुपया दे के सामान खरीदेनी जा.
नगदी नहीं होने से ग्राहक का टोटा, कैश होगा तभी होंगे कैशलेस
पटेल चौक पर अपने इ-रिक्शा के साथ सवारी का इंतजार करते मिले चैनपुर इसियां के राजीव नोनिया से कैशलेस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नकदी और खुदरे की किल्लत के चलते अब तक पांच सौ की जगह दो सौ रुपये की ही कमाई हो पायी है. बताइये अब इस दो सौ रुपये मालिक को दूं या फिर इससे दाल-रोटी का इंतजाम करूं. पैसे ही नहीं होंगे, तो कैशलेस कैसे बनेंगे. कैशलेस होने के लिए खाते में पैसा भी तो होना चाहिए. पेटीएम सहित अन्य एप्स के बारे में पूछने पर बताया कि टीवी पर प्रचार होता है, लेकिन उनके पास इतना महंगा फोन कैसे आयेगा.
कैशलेस लेनदेन के लिए चाहिए एंड्रॉयड फोन
मंगलवार को शहर की सब्जीमंडी में सब्जी बेचनेवाली व शहर के वार्ड नंबर 14 की वार्ड पार्षद इलमवासी देवी से कैशलेस व्यवस्था के संबंध में बात की गयी तो उन्होंने बताया कि यह संभव ही नहीं है. उन्होंने तर्क दिया कि कैशलेस जैसी व्यवस्था बड़े शहरों के लिए ही ठीक है.
इसके लिए छोटे शहर के लोगों को पहले अपने खाते में खूब पैसे जमा करना होगा. खाते में पैसे होंगे, तभी एटीएम और क्रेडिट कार्ड से लेनदेन किया जा सकेगा और छोटे शहर के आदमी के पास पैसा कहां है. दुकान पर सब्जी ले रहे भभुआ सिविल कोर्ट के पेशकार नवीन प्रसाद का कहना था, कि पहले तो कैशलेस के लिए एक एंड्रॉयड फोन खरीदना पड़ेगा. उसमें पेटीएम और अन्य एप्स डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट होना चाहिए. उनका कहना था कि कैशलेस होने के लिए इन सब तैयारियों में कितना पैसा लोग खर्च कर पायेंगे, जबकि कई लोगों के पास एंड्रॉयड फोन तो दूर, बैंक खाते भी नहीं हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें