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दिन भर बारिश के बाद फिर बिगड़े हालात रामगढ़ के आंटडीह में बढ़ने लगा पानी
डीएम सहित प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे आंटडीह खाने से लेकर दवा तक की व्यवस्था रामगढ़ : सोमवार को पूरे दिन हुई बारिश से रामगढ़, दुर्गावती व नुआंव के बाढ़ प्रभावित इलाकों के हालात एक बार फिर बिगड़ने लगे हैं. दूसरी तरफ दुर्गावती जलाशय परियोजना से दुर्गावती नदी में चार हजार क्यूसेक व चकिया के लतीफशाह बराज […]
डीएम सहित प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे आंटडीह
खाने से लेकर दवा तक की व्यवस्था
रामगढ़ : सोमवार को पूरे दिन हुई बारिश से रामगढ़, दुर्गावती व नुआंव के बाढ़ प्रभावित इलाकों के हालात एक बार फिर बिगड़ने लगे हैं. दूसरी तरफ दुर्गावती जलाशय परियोजना से दुर्गावती नदी में चार हजार क्यूसेक व चकिया के लतीफशाह बराज से एक हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से एक बार फिर बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी का जलस्तर बढ़ने लगा है. शनिवार की तुलना में सोमवार की दोपहर जहां लगभग तीन फिट पानी कम हुआ था, वहीं सोमवार की शाम को लगभग एक फिट पानी और बढ़ गया. साथ ही खबर लिखे जाने तक पानी बढ़ने का सिलसिला जारी था. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित रामगढ़ प्रखंड का आंटडिह गांव है.
जहां बाढ़ के कारण पूरे गांव का संपर्क टूट गया है. गांव के अधिकतर घर बाढ़ में डूब गये हैं. उक्त गांव के ग्रामीण वहीं के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में प्रशासन द्वारा बनाये गये राहत केद्र में शरण लिये हुए हैं. सोमवार की शाम बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए चलाये जा रहे राहत की स्थिति जानने खुद डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उक्त गांव पहुंचे और ग्रामीणों को हर संभव मदद का भरोसा देते हुए अधिकारियों को राहत कार्य तेजी से चलाने का निर्देश दिया.
दुर्गावती परियोजना से चार हजार, तो लतीफशाह बराज से एक हजार क्यूसेक छोड़ा गया है पानी
प्राप्त जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित प्रखंड रामगढ़ व दुर्गावती व नुआंव प्रखंड में जल स्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है. इसका मुख्य कारण जहां एक तरफ सोमवार के भोर से ही पूरे दिन बारिश होती रही. वहीं दूसरी तरफ सोमवार की सुबह से दुर्गावती जलाशय परियोजना से पानी छोड़ने की मात्रा को बढ़ा दिया गया है. सोमवार की सुबह तक जहां डेढ़ हजार क्यूसेक पानी दुर्गावती नदी में छोड़ा जा रहा था. वह सोमवार के सुबह से बढ़ा कर चार हजार क्यूसेक कर दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ लतीफशाह बराज से भी एक हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
जिसके कारण एक बार फिर जल स्तर बढ़ने लगा है. रामगढ़ के आंटडिह गांव के पास दुर्गावती व कर्मनाशा दोनों नदियां आपस में मिलती हैं ऐसे में दुर्गावती जलाशय परियोजना या लतीफशाह बराज से जो भी पानी छोड़ा जा रहा है उसका सीधा असर आंटडिह गांव पर पड़ रहा है. यही कारण है कि दोनों बराजों से पानी छोड़े जाने के बाद सोमवार की शाम से एक बार फिर जल स्तर बढ़ने लगा है.
इधर, दुर्गावती जलाशय परियोजना के बांध को क्षति न पहुंचे इसके लिए बांध सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों का स्पष्ट निर्देश है कि 125 मिटर से ज्यादा पानी होने पर उसे दुर्गावती नदी में छोड़ दिया जाये.
दवइये से पेट भरी कि कुछ खाये के मिली
सोमवार की शाम डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह मेडिकल टीम,पशुपालन विभाग एवं राहत बचाव से जुड़े अधिकारियों के साथ उक्त गांव पहुंचे, तो वहां मौजूद लोगों ने कहा कि ‘खाली दवइये से पेट भरी कि कुछ खाहूं के मिली’. दरअसल गांव में रविवार को ही मेडिकल टीम दवाई के साथ पहुंच गयी थी.
लेकिन, आंटडीह के बाढ़ प्रभावित लोगों को मध्य विद्यालय में बने राहत केंद्र में कोई भोजन की व्यवस्था नहीं थी. इसके बाद डीएम ने तत्काल वहां के सीओ व बीडीओ को निर्देश दिया कि उक्त राहत केंद्र में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए खाना बनवा कर खिलवाना शुरू करें. जिसके बाद आंटडिह के लगभग बाढ़ प्रभावित दो सौ लोगों के लिए भोजन बनना शुरू हो गया है. वहीं 24 घंटे मेडिकल टीम को राहत केंद्र पर तैनात किया गया है एवं सीओ बीडीओ को उक्त स्थल पर कैंप करने का निर्देश दिया गया है.
इसके अतिरिक्त एंबुलेंस की भी व्यवस्था वहां की गयी है, ताकि किसी भी तबीयत खराब हो तो उन्हें तत्काल अस्पताल भेजा जा सके. डीएम ने मौके पर बाढ़ प्रभावित लोगों के पशुओं को चारा उपलब्ध कराने के लिए पशुपालन विभाग को निर्देश दिया है. डीएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सरकार के तरफ से दो किस्तों में राशन व खाद्य सामग्री के लिए छह हजार रूपया दिया जायेगा. प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.
नाविकों ने जताया विरोध
बाढ़ से घिरे आंटडिह के लोगों को राहत केंद्र से रामगढ़ की तरफ सुखे जगह पर ले जाने व लाने के लिए नौ नावों को तैनात किया गया है. लेकिन, उसके नाव चलाने के एवज में वर्षों से भुगतान नहीं किया गया है.
इसे लेकर नाविकों ने जब डीएम सहित प्रशासनिक अधिकारियों को नाव से आंटडीह के राहत केंद्र तक पहुंचा दिया, तो उन्हें लाने के वक्त वहां से नाव को हटा दिया और बकाये पैसे की मांग को लेकर विरोध जताने लगे. जिसके बाद डीएम ने उन्हें बुलाया और तत्काल आपदा विभाग के आपदा प्रबंधन पदाधिकारी के.के उपाध्याय को तीन दिनों के अंदर उक्त सभी नाविकों का भुगतान करने का निर्देश दिया जिसके बाद नाविक डीएम सहित वरीय अधिकारियों को नाव पर बैठा कर वापस लाये.इस दौरान डीएम के प्रशासनिक अधिकारियों के अलावे मौके पर रामगढ़ विधायक अशोक सिंह, एमएलसी संतोष सिंह, पूर्व विधायक अंबिका सिंह यादव सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे.
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