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सरकार कह रही मछली पालक बनो, यहां तो तालाब ही मिट रहे
मोहनिया (सदर) : सरकार मछुआरों को रोजगार देने के साथ-साथ उनको स्वावलंबी बनाने की दिशा में मछली पालन को बढ़ावा दे रही है. लेकिन, जिले में अतिक्रमण की वजह से तालाबों के वजूद मिटते जा रहे हैं. इससे मछली पालकों पर आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि उन […]
मोहनिया (सदर) : सरकार मछुआरों को रोजगार देने के साथ-साथ उनको स्वावलंबी बनाने की दिशा में मछली पालन को बढ़ावा दे रही है. लेकिन, जिले में अतिक्रमण की वजह से तालाबों के वजूद मिटते जा रहे हैं. इससे मछली पालकों पर आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि उन तालाबों का विभाग मछली उत्पादकों से राजस्व लेता है, जिनमें मछली पालन होता ही नहीं. ऐसी स्थिति में आर्थिक संकट और बढ़ता जा रहा है.
मिटे चुके 356 तालाबों का भी देते हैं राजस्व : मोहनिया प्रखंड के मत्स्य जिलाध्यक्ष मुन्ना चौधरी कहते हैं कि मछली पालकों के उत्थान के लिए सरकार तरह-तरह की योजनाओं के साथ सब्सिडी भी दे रही है. लेकिन, यहां प्रशासन इतना शिथिल है कि दिनों दिन तालाब व पोखरों को अतिक्रमणकारी अपनी गिरफ्त में लेकर मिटाते जा रहे हैं. जिले में अब तक 356 तालाबों के वजूद ही मिट गये हैं. फिर भी लाखों रुपये राजस्व विभाग मछली पालकों से वसूलता है. इसका परिणाम है कि इनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है.
क्या कहतें है जिला मत्स्य पदाधिकारी : जिला मत्स्य पदाधिकारी सत्येंद्र राम ने बताया कि तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में प्रशासन ने कदम उठाये हैं. नुआंव सीओ ने अकोल्ही व चितामनपुर में अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिया है. मोहनिया सीओ ने भी नोटिस किया है. यदि लोग नहीं मानेंगे तो अतिक्रमण वाद चलाया जायेगा. इसकी पहल शुरू हो चुकी है. लोगों को खुद भी सोचना चाहिए कि तालाब, पोखर व नदी हमारे धरोहर हैं. इनको सुरक्षित रखेंगे तभी जीवन संभव है.
तालाबों को बचाने के लिए हाइकोर्ट से लगायी थी गुहार
मुन्ना चौधरी ने बताया कि तालाबों को बचाने के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. 10 नवंबर 2010 को पक्ष में फैसला सुनाते हुए तत्कालीन डीएम को आदेश दिया था कि सभी अतिक्रमित तालाबों को मुक्त कराया जाये, लेकिन कोर्ट के आदेश के लगभग छह वर्ष बीत गये प्रशासन एक भी तालाब को अतिक्रमण मुक्त नहीं करा सका.
पता चला है कि विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर डीएम हमेशा सभी सीओ को तालाब व पोखरों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पत्र लिखते हैं. लेकिन, कोई सीओ डीएम के आदेश का अनुपालन नहीं करता. श्री चौधरी ने यह भी कहा कि कुदरा के जहानाबाद मौजा में 95 डिसमिल तालाब था, जिसके खाता संख्या 809 व प्लाट संख्या 1586 पर थाने के भवन का निर्माण करा दिया गया.
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