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प्लस टू के 85 स्कूलों में सर्फि 15 में ही कंप्यूटर की पढ़ाई

प्लस टू के 85 स्कूलों में सिर्फ 15 में ही कंप्यूटर की पढ़ाई फ्लैग….कंप्यूटर एजुकेशन के मामले में सरकारी स्कूल फिसड्डी फोटो.15 जिले में अब तक कंप्यूटर टीचरों के पद नहीं हुए सृजित प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से दी जा रही है शिक्षाप्रतिनिधि4भभुआ (नगर)तकनीक के इस युग में कंप्यूटर नॉलेज की महत्ता किसी से छिपी […]

प्लस टू के 85 स्कूलों में सिर्फ 15 में ही कंप्यूटर की पढ़ाई फ्लैग….कंप्यूटर एजुकेशन के मामले में सरकारी स्कूल फिसड्डी फोटो.15 जिले में अब तक कंप्यूटर टीचरों के पद नहीं हुए सृजित प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से दी जा रही है शिक्षाप्रतिनिधि4भभुआ (नगर)तकनीक के इस युग में कंप्यूटर नॉलेज की महत्ता किसी से छिपी नहीं है. हाइटेक जमाने में सभी काम कंप्यूटर के माध्यम से हो रहे हैं. लेकिन, जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों के लिए कंप्यूटर एजुकेशन आज भी सपना बना हुआ है. सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के उद‍्देश्य से कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. स्कूलों में समय-समय पर ज्ञान विज्ञान से संबंधी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं. लेकिन, कंप्यूटर एजुकेशन बच्चों के लिए कब सुलभ होगा इस सवाल पर शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारी भी चुप्पी साध लेते हैं. सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों को सीपीयू, मॉनीटर, माउस, की-बोर्ड, प्रिंटर, स्कैनर की एबीसीडी भी नहीं मालूम है. अब ऐसे में इन बच्चों का भविष्य कैसे बेहतर होगा. इसका स्पष्ट जवाब देनेवाला भी कोई नजर नहीं आ रहा.बात करे जिले के हाई स्कूलों की तो यहां 85 स्कूलों में प्लस टू स्तर की पढ़ाई हो रही है. अन्य सब्जेक्ट‍्स की बात छोड़ दें, तो कंप्यूटर एजुकेशन के मामले में ये स्कूल पूरी तरह फेल हैं. जिले के मात्र 15 हाइस्कूलों में ही कंप्यूटर की पढ़ाई हो रही है. इन स्कूलों में भी कंप्यूटर एजुकेशनल की जिम्मेवारी प्राइवेट कंपनी आइएल एंड एफएस के कंधों पर है. कंपनी द्वारा जिन हाइस्कूलों में कंप्यूटर एजुकेशन दी जा रही है, उनमें इस एजेंसी द्वारा कंप्यूटर सिस्टम के साथ-साथ टीचरों को भी नियुक्ति की गयी है. इससे इन स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा दी जा रही है.17 स्कूलों से एजेंसी ने खींचा हाथविगत वर्षों में जिले के 17 स्कूलों में कंप्यूटर एजुकेशन की जिम्मेवारी संभाल रही प्राइवेट एजेंसी एडुकॉम ने इसे विद्यालय प्रशासन के हवाले करते हुए इस काम से हाथ पीछे खींच लिया. जिन 17 स्कूलों में कंप्यूटर एजुकेशन शुरू हुआ था, उन स्कूल के बच्चों में काफी मायूसी है. इन स्कूलों में रखे गये कंप्यूटर सिस्टम सहित जेनेरेटर आदि भी कोने में पड़े धूल फांक रहे हैं.कंप्यूटर टीचर के पद नहीं हुए सृजित जिले में सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर एजुकेशन की हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक कंप्यूटर टीचर के पदों को सृजित तक नहीं किया जा सका है. अब ऐसे में न तो स्कूलों में कंप्यूटर टीचर हैं और ना ही सिस्टम. अब कंप्यूटर एजुकेशन के लिए इच्छुक बच्चे प्रखंड मुख्यालयों या गांव से सटे कस्बो में खुले इंस्टीच्यूट से कंप्यूटर की पढ़ाई करने को मजबूर हैं. इससे इनके अभिभावकों पर भी काफी आर्थिक बोझ पड़ता है. वहीं खास कर जिन छात्राओं को कंप्यूटर शिक्षा पाने की चाह है वो चाह कर भी ऐसा नहीं कर पाती.पढ़ाई शुरू कराने का होगा प्रयास जिन स्कूलों में कंप्यूटर एजुकेशन दी जा रही है उनकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है जिन 17 स्कूलों में अभी पढ़ाई बंद है उन स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा शुरु करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है.रामराज प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी जिन स्कूलों में हो रही कंप्यूटर की पढ़ाई हाई स्कूल धनेच्छाहाई स्कूल नौहट‍्टाहाई स्कूल बारे अटल बिहारी सिंह उच्च विद्यालय भभुआप्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय चिताढ़ीराज्य संपोषित हाई स्कूल अधौराबालिका उच्च विद्यालय जगरियां हाई स्कूल चैनपुर हाई स्कूल बढुपर हाई स्कूल कर्णपूरा बालिका उच्च विद्यालय सकरी हाई स्कूल फाकराबाद हाई स्कूल बसहीं बसावन हाई स्कूल भगवानपुर हाई स्कूल गुड़िया नुआंव

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