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हटेंगे सभी 124 न्यायमित्र
फरमान. नये सिरे से होगी बहाली, सरकार ने समाप्त की सेवा जिले की 149 पंचायतों में फिलहाल 124 न्यायमित्र हैं कार्यरत भभुआ (नगर) : जिले की 149 पंचायतों में कार्यरत न्याय मित्रों व न्याय सचिवों के लिए बुरी खबर है. नये चुनाव परिणाम आने के साथ ही उनकी सेवा सरकार ने समाप्त कर दी है. […]
फरमान. नये सिरे से होगी बहाली, सरकार ने समाप्त की सेवा
जिले की 149 पंचायतों में फिलहाल 124 न्यायमित्र हैं कार्यरत
भभुआ (नगर) : जिले की 149 पंचायतों में कार्यरत न्याय मित्रों व न्याय सचिवों के लिए बुरी खबर है. नये चुनाव परिणाम आने के साथ ही उनकी सेवा सरकार ने समाप्त कर दी है. आदेश के बाद वे अब न्याय मित्र व न्याय सचिव के नाम से नहीं जाने जायेंगे. रिक्त हुए पदों पर नये सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ होगी. लेकिन, नियुक्ति कब होगी फिलहाल इसकी कोई निश्चित तिथि घोषित नहीं की गयी है.
सेवामुक्ति की पुष्टि जिला पंचायती राज पदाधिकारी मो जियाउल्लाह ने की है. जिले की 149 पंचायतों में फिलहाल 124 न्याय मित्र कार्यरत हैं. न्याय मित्र को प्रतिमाह सात हजार व न्याय सचिवों को छह हजार रुपये का मानदेय भुगतान किया जाता है. सरकार के आदेश के बाद अब सभी बेरोजगार हो गये हैं. संबंधितों को सूचना उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जा रही है.
सरपंचों की मुश्किलें बढ़नी तय
सरकार के आदेश के बाद अब न्याय मित्रों व सचिवों के हटाये जाने के बाद नवनिर्वाचित सरपंचों की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही है. क्योंकि, उनके शपथ लेने के बाद उनके कार्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी स्तर पर कोई कर्मचारी नहीं होगा. ऐसे में असाक्षर सरपंचों व पंचों खास कर महिलाओं के लिए नोटिस निर्गत करने के साथ ग्राम कचहरी में आये वादों का निष्पादन करना कठिन होगा.
गौरतलब है कि पंचायत चुनाव संपन्न होते ही राज्य सरकार ने नियुक्त पुराने न्याय मित्रों को हटाने का निर्णय लिया है. पंचायती राज विभाग ने न्याय मित्रों के नियोजन की प्रक्रिया अब नये सिरे से करने संबंधी आदेश जारी कर दिया है. पंचायत राज के निदेशक कुलदीप नारायण ने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिले में ग्राम कचहरी के गठन के साथ ही न्याय मित्रों के नियोजन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है. न्याय मित्रों के साथ-साथ सभी पंचायतों में ग्राम कचहरी सचिवों की भी नियुक्ति होगी.
क्या कहते हैं न्यायमित्र संघ के अध्यक्ष
सरकार के इस निर्णय से न्याय मित्रों में काफी आक्रोश है. क्षुब्ध न्याय मित्रों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बना लिया है. न्याय मित्र संघ के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत तिवारी ने कहा कि न्याय मित्रों को हटाने का निर्णय गलत है. उन्होंने कहा कि संघ के पदाधिकारियों के साथ शीघ्र ही बैठक की जायेगी. बैठक के बाद सरकार के लिये गये निर्णय के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जायेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला पंचायती राज पदाधिकारी मो जियाउल्लाह ने कहा कि बिहार ग्राम कचहरी न्यायमित्र नियोजन सेवा शर्त व कर्तव्य नियमावली 2007 के प्रावधान के तहत ग्राम कचहरी की कार्यावधि पूर्ण होने के साथ न्याय मित्र के पद पर संविदा पर नियोजित अभ्यर्थियों की संविदा स्वत: समाप्त हो जायेगी. उन्होंने कहा कि पंचायत राज निदेशक के आलोक के तहत न्याय मित्रों के नियोजन की प्रक्रिया के लिए जिले में होने वाले चयन में उन्हें प्राथमिकता दी जायेगी. सभी बीडीओ को इस संबंध में पत्र दिया जा चुका है.
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