– पति ने मारपीट कर घर से निकाला
– मायके वालों ने भी फेरा मुंह
– एक साल से अल्पवास गृह में गुजार रही जीवन
– अल्पवास गृह देगा पूजा को नयी जिंदगी
– सत्येंद्र/विनोद कुदरा/पुसौली –
‘न खुदा मिला, न विसाले सनम’ यह पंक्ति दिल्ली की रहने वाली पूजा पर चरितार्थ हो रही है. पूजा दिल्ली के जैतपुरा मोहल्ले के बाबूराम यादव की बेटी है, जो परिवार की इच्छा के खिलाफ पड़ोसी किरायेदार दीपक से प्यार की और उसके साथ जीवन बिताने की उम्मीद के साथ शादी के बंधन में भी बंध गयी.
शादी के बाद तो उसे लगा कि दुनिया की हर तरह की खुशियां उसे मिल गयी, लेकिन उसका सपना थोड़े दिन में ही टूट गया और परिणाम यह हुआ कि उसे पति ने भी छोड़ दिया और मायके वालों ने भी घर से निकाल दिया.
पूजा फिलहाल 9 दिसंबर, 2012 से कुदरा स्थित अल्पवास गृह में अपना जीवन गुजार रही है. अब पूजा अपनी जिंदगी को बोझ बताते हुए कहती है कि उसने प्रेमी दीपक के लिए अपने परिवार को ठुकराया वही दीपक शादी के कुछ महीने बाद ही उसके साथ मारपीट करने लगा. पिटाई के कारण ही उसके गर्भ में पल रहा छह माह का भ्रूण खराब हो गया.
जब दीपक ने उसे घर से निकाल उस समय भी उसके पेट में दो माह का भ्रूण पल रहा था. दीपक के मुंह मोड़ने के बाद जब वह अपने मायके गयी, तो वे भी मुंह फेर लिये. पिता व भाई ने जान-बूझ कर चाची के साथ साथ मेला घुमाने के लिए भेज दिया.
चाची ही उसे वाराणसी स्टेशन पर लाकर छोड़ गयी. वहीं पर मोहनिया की एक महिला ने उसे रोते देख अपने साथ घर लायी.
एक माह तक वहां रही थी कि पड़ोसियों लड़की भग कर लाने व घर में रखने की सूचना थाने को दे दी, जिससे पुलिस ने छापेमारी कर अल्पवास गृह भेज दिया, जहां एक साल से वह अपने भाग्य को कोश रही है.
अल्पवास गृह के सचिव शिव गोविंद साह ने बताया कि पूजा की शादी करने के लिए लड़का देख लिए है. केवल डीएम से आदेश प्राप्त करना है, उसके बाद शादी कर पूजा अपने नये पति के साथ चली जायेगी.