पटना/भभुआ : भाजपा के पूर्व सांसद लालमुनि चौबे का निधन हो गया है. उन्होंने शुक्रवार की शाम करीब पांच बजे दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली. वे 76 साल के थे.
17 फरवरी को दिल्ली स्थित आवास पर बाथरूम में गिरने से उनके कूल्हे की हड्डी टूट गयी थी, जिसके बाद उन्हें एम्स में भरती कराया गया था. इसी दौरान छाती में इन्फेक्शन होने से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो गयी. चार दिन पहले ही डॉक्टरों ने उनकी हालत को गंभीर बताया था. उनके करीबी लोगों के मुताबिक शनिवार को उनका पार्थिव शरीर वाराणसी लाया जायेगा. वाराणसी में ही उनका अंतिम संस्कार किये जाने की संभावना है.
लालमुनि चौबे 1969 में ही जनसंघ से जुड़ गये थे और 1972 में कैमूर जिले के चैनपुर से पहली बार विधायक चुने गये थे. 1977 में दोबारा जीते और राज्य स्वास्थ्य मंत्री बने. 1980 व 1990 में भी चैनपुर से विधायक चुने गये. विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे. 1996 से 2004 तक बक्सर सीट से लगातार चार बार सांसद निर्वाचित हुए.
श्री चौबे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी माने जाते थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में परचा भर दिया था. हालांकि, बाद में मान-मनौव्वल के बाद अंतिम समय में पटना से हेलिकॉप्टर से बक्सर जाकर उन्होंने नामांकन वापस लिया था. वे कैमूर जिले के चैनपुर थाने के कुरई गांव के रहनेवाले थे. उन्होंने जेपी आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभायी थी. उनकी पहचान एक बेबाक नेता व कुशल वक्ता के तौर पर थी.
उनके निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी व जीतन राम मांझी और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि बिहार ने एक सच्चा और प्रतिबद्ध नेता को खो दिया है. सादगीपूर्ण और बेदाग राजनीतिक जीवन के लिए लालमुनि चौबे सदा याद किये जायेंगे. भाजपा सांसद सीपी ठाकुर, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, प्रवक्ता संजय मयूख ने भी शोक जताया है.