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खरमास लगते ही बंद हुई शहनाइयों की गूंज
भभुआ (सदर) : सूर्य के मीन राशि में आने पर आरंभ हुए खरमास के चलते अब विवाह सहित शुभ कार्य नहीं होंगे. वैसे भी शादियों के लिए इस समय कोई मुहूर्त नहीं है. अप्रैल महीने में आठ मुहूर्त होने के बावजूद अधिकतर लोग सिंहस्थ के चलते शादियां नहीं करेंगे. जुलाई माह में भरला नवमी व […]
भभुआ (सदर) : सूर्य के मीन राशि में आने पर आरंभ हुए खरमास के चलते अब विवाह सहित शुभ कार्य नहीं होंगे. वैसे भी शादियों के लिए इस समय कोई मुहूर्त नहीं है. अप्रैल महीने में आठ मुहूर्त होने के बावजूद अधिकतर लोग सिंहस्थ के चलते शादियां नहीं करेंगे. जुलाई माह में भरला नवमी व देवशयनी एकादशी के बाद शादियां नहीं होंगी और देव उठने के बाद फिर से शादियों की गूंज सुनाई देने लगेगी. ज्योतिषाचार्य सत्येंद्र द्विवेदी ने बताया कि सूर्य 14 मार्च को ही मीन राशि में प्रवेश कर गया है. सूर्य के मीन राशि में जाने से खरमास आरंभ हो गया है.
इसमें विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य नहीं किये जा सकते. 14 अप्रैल को खर मास समाप्त होने के बाद मात्र आठ मुहूर्त ही बचेंगे अप्रैल माह में 22 से आरंभ हो रहे सिंहस्थ के चलते अधिकतर लोग शादियां नहीं करेंगे. वहीं मई व जून माह में शुक्र का तारा अस्त होने से शहनाइयां नहीं गूजेंगी. जुलाई माह में चंद्र मुहूर्त बताये गये हैं.
उक्त मुहूर्त के बाद देवशयनी से देव उठनी एकादशी तक यानी 10 नवंबर तक शादियां नहीं होंगी. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सूर्य जब मीन राशि में आता है, तो राशियों में गुरू बल कमजोर पड़ जाता है. इस कारण विवाह मुहूर्त नहीं बनते हैं. इसी को खरमास कहा जाता है.
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