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बदहाल हॉस्टलों के सहारे तैयार हो रहे देश के भवष्यि

बदहाल हॉस्टलों के सहारे तैयार हो रहे देश के भविष्य जिले के सभी हॉस्टलों की की हालत खराबप्रशासन से गुहार के बाद भी नहीं बदली हॉस्टलों की तसवीर प्रतिनिधि, भभुआ (नगर) जिला मुख्यालय स्थित विभिन्न छात्रवासों की हालत खराब है. यहां रह कर पढ़ाई करनेवाले छात्रों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. […]

बदहाल हॉस्टलों के सहारे तैयार हो रहे देश के भविष्य जिले के सभी हॉस्टलों की की हालत खराबप्रशासन से गुहार के बाद भी नहीं बदली हॉस्टलों की तसवीर प्रतिनिधि, भभुआ (नगर) जिला मुख्यालय स्थित विभिन्न छात्रवासों की हालत खराब है. यहां रह कर पढ़ाई करनेवाले छात्रों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. जिले के दूर-दराज गांवों से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए छात्रावास में रह कर पढाई करना मुश्किल हो रहा है. कमोवेश सभी छात्रावास में मूलभूत सुविधाओं की काफी कमी है. छात्रों के रहने के लिए सरकार द्वारा हॉस्टल का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन इसके बाद इन छात्रावासों की सुध लेनेवाला कोई नहीं. जिला मुख्यालय में कुल पांच छात्रावास हैं. इसमें दो छात्रावास अब भी किराये के मकान में चल रहे रहे हैं. अांबेडकर छात्रावास वन में मूलभूत सुविधाओं की कमी है. छात्र नायक दिलीप कुमार ने बताया कि छात्रावास में बनी पानी टंकी से पानी गिरने से पूरा छत जलमग्न हो जाता है. इससे छत से होकर पानी कमरों में टपकता रहता है. सिर्फ एक नल व चापाकल के सहारे 200 छात्र किसी तरह अपना काम चलाते हैं. छात्रावास के नल, पाइप, बिजली मरम्मत,कमरों के फर्श की मरम्मत,चौकी, कुरसी-टेबुल, टीवी व आरओ आदि के लिए कई बार कल्याण विभाग को आवेदन देकर सूचित किया गया, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई. चार वर्ष बीत जाने के बाद भी नियमित उपयोग में आनेवाले सामान नहीं दिये गये हैं. छात्रावास का निर्माण वर्ष 2008 में हुआ उसके बाद कभी भी इसकी मरम्मती या रंगाई पुताई नहीं हुई. यहां रहनेवाले छात्र जैसे-तैसे रह रहे हैं. वहीं अंबेडकर छात्रावास टू जो एसवीपी कॉलेज के बगल में स्थित हैं, वहां भी ऐसे ही हाल हैं. छात्र नायक शत्रुघ्न कुमार ने बताया की छात्रावास में मात्र 50 चौकियां हैं. इसमें अधिकतर टूटी पड़ी हैं. छात्रावास में सभी मुलभूत सुविधाओं का अभाव है. मरम्मत के अभाव में छात्रावास जर्जर होता जा रहा है. कमरों में लगायी गयी खिड़की के शीशे भी टूट चुके हैं. इससे ठंड के दिनों में परेशानी और ज्यादा बढ जाती है. प्रशासन व कल्याण विभाग में आवेदन देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती. जननायक कर्पूरी ठाकुर अति पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास के छात्र नायक दिनेश पाल ने बताया की सरकार द्वारा छात्रावास के नाम पर सिर्फ कमरा उपलब्ध कराया गया. इसके अलावा यहां कोई व्यवस्था अब तक नहीं की गयी है. शौचालय,पेयजल, बिजली सहित अन्य जरूरी संसाधनों का घोर अभाव है. जिलाधिकारी,कल्याण विभाग व विधायक से गुहार लगाने के बावजूद भी यहां सुविधा के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिला है.दो छात्रावास अब भी किराये के मकान में अनुसूचित जनजाति कल्याण छात्रावास तीन व चार आज भी किराये के मकान में चल रहे हैं. यहां भी प्रकाश,पेयजल, आदि की व्यवस्था का घोर अभाव है. यहां सिर्फ एक शौचालय व एक नल के सहारे ही छात्र काम चला रहे हैं. छात्रावास तीन के छात्र नायक पप्पू पासवान ने बताया कि कई बार इसके लिए जिले के वरीय पदाधिकारियों को पत्र लिखा गया. किराये का मकान होने की वजह से परेशानी और भी ज्यादा है. बरसात के दिनों में इन छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को और भी ज्यादा फजीहत झेलनी पड़ती है. क्या कहते हैं हॉस्टल के छात्र छात्रावास में जरूरी संसाधनों का घोर अभाव है. छात्रावास बने इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद इसकी मरम्मत नहीं हुई. पठन-पाठन में भी काफी परेशानी होती है. रविशंकर भारती, छात्र छात्रावास में सुविधाएं न के बराबर हैं. यहां रहने वाले छात्र किसी तरह अपनी पढाई पूरी कर रहे हैं. छात्रावास परिसर का पक्कीकरण न होने से बरसात के दिनों में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.संजय कुमार, छात्रफोटो:-9.हॉस्टल का फोटो 10.छात्र रविशंकर भारती,छात्र संजय कुमार

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