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गुरुजी कर रहे क्लर्क का भी काम
भभुआ (नगर) : जिले के सरकारी हाइस्कूलों व प्लस-टू स्कूलों में लिपिकों की कमी व लिपिक का पद स्वीकृत नहीं होने से शिक्षकों को ही छात्र-छात्राओं को पढ़ाने से लेकर क्लर्क तक का काम करना पड़ रहा है. खासकर, उत्क्रमित प्लस-टू स्कूलों में सरकार द्वारा लिपिक के पद स्वीकृत नहीं किये गये हैं, जिस कारण […]
भभुआ (नगर) : जिले के सरकारी हाइस्कूलों व प्लस-टू स्कूलों में लिपिकों की कमी व लिपिक का पद स्वीकृत नहीं होने से शिक्षकों को ही छात्र-छात्राओं को पढ़ाने से लेकर क्लर्क तक का काम करना पड़ रहा है. खासकर, उत्क्रमित प्लस-टू स्कूलों में सरकार द्वारा लिपिक के पद स्वीकृत नहीं किये गये हैं, जिस कारण गुरुजी को हेडमास्टर से लेकर क्लर्क्का कामकाज भी करना पड़ रहा है.
वहीं, हाइस्कूलों व उत्क्रमित प्लस-टू विद्यालयों में सहायक लिपिकों का भी टोटा है. ऐसे में गुरुजी ही सहायक लिपिक बन कर डाक से लेकर विद्यालय के बही खाते को दुरुस्त करते हैं. शिक्षकों के गैर शैक्षणिक कार्यों में लगे होने से पठन-पाठन भी प्रभावित होता है. गौरतलब है कि सरकार की तरफ से सभी तरह के स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की भी बहाली नहीं होती, जिससे कई स्कूलों में शिक्षकों के काफी पद भी रिक्त हैं.
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