मुखरांव में डीएम को गांववालों ने सुनायी पीड़ा, काम कराने का दिया आश्वासन
भभुआ (कार्यालय) : सोमवार की शाम से ही मुखरांव गांव में चहल-पहल थी. सभी को डीएम का इंतजार था. जिले के उत्तरी छोर पर रोहतास एवं बक्सर की सीमा पर बसा मुखरांव गांव जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर है.
मुख्य सड़क से लगभग 10 किलोमीटर अंदर बसे मुखराव के लोगों को अपनी समस्या लेकर कभी-कभी ही मुख्यालय पहुंचते हैं. सोमवार को गांववालों के चेहरे पर इस बात की खुशी देखी जा रही थी कि पूरा जिला प्रशासन उनके द्वार पर आया है. पूरी रात उनके साथ उनकी समस्याओं को डीएम सुनेंगे. बीडीओ व सीओ पहले से ही गांव में मौजूद थे. डीएम जैसे ही शाम के सात बजे मुखरांव पहुंचे चौपाल पर लोगों की भीड़ लग गयी.
आपसी विवाद विकास में बाधक
डीएम अरविंद कुमार सिंह ने गांव में परिवार के सदस्य की तरह लोगों का हाल-चाल पूछा और विकास के मंत्र भी बताये. चौपाल में उन्होंने गांववालों को समझाया कि छोटे-मोटे विवाद को लेकर हुए मनमुटाव के कारण विकास में बाधा उत्पन्न होती है. इसलिए जाति-पांति, धर्म का भेद मिटाना जरूरी है.
डीएम ने गांव के विवाद को गांव में ही सुलझाने पर बल दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कैसे बचपन में जमीन के छोटे से टुकड़े के लिए 20 वर्षो तक विवाद चलता रहा और अंत में गांव के लोगों की पहल पर ही मामला सुलझा.
तैयार हुआ खाका
कक्षा नौ में पढ़नेवाली 14 वर्षीया छात्र प्रभावती कुमारी ने कहा कि हमने जन्म से ही इस गांव में कभी बिजली नहीं देखी है. छात्र के माता-पिता ने बताया कि इस गांव में बिजली आती थी, लेकिन अब नहीं है.
इस पर डीएम ने कार्यपालक अभियंता से पूछा कि यहां बिजली कैसे पहुंचेगी. कार्यपालक अभियंता एवं गांववालों की सलाह पर गांव में बिजली पहुंचाने का खाका तैयार किया गया. इधर, नुआंव के प्रमुख ने सिंचाई के लिए धर्मावती नदी पर बांध बनाने, गांव से पानी निकासी की व्यवस्था करने के साथ उपस्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग की.