दर्जा मॉडल स्टेशन का, सुविधाएं नदारद डीआरएम व एडीआरएम के वादे नहीं हुए पूरे प्रतिदिन करीब पांच से छह लाख रुपये का है आमद मोहनिया (नगर) मोहनिया में स्थित भभुआ रोड स्टेशन को मॉडल स्टेशन का दर्जा मिले लगभग आठ साल हो गये. लेकिन, यहां पर सुविधाएं देखी जाये तो ना के बराबर मिलती है. 2007 में भभुआ रोड स्टेशन को मॉडल स्टेशन का दर्जा मिला और ये स्टेशन श्रेणी बी में आता है. यहां राजधानी, दूरंताे, नीलांचल, सियालदह आदि चार या पांच ट्रेनों को छोड़ कर अप और डाउन लाइन की ट्रेनों की बात करें तो 64 ट्रेनों का ठहराव होता है. मॉडल स्टेशन का दर्जा मिलने के आठ साल में रेलवे के कई पदाधिकारियों ने स्टेशन का जायजा लिया. डीआरएम और एडीआरएम पदाधिकारी आते हैं और वादे कर के चले जाते हैं. लेकिन, जाने के बाद फिर से वही परिस्थिति सामने आती है. यहां सिर्फ कागजाें और वादों तक ही सीमित रह जाता है. यहां से एक दिन का राजस्व लगभग पांच से छह लाख है. कुली की नहीं है सुविधा कुली की सुविधा न होना यहां पर सबसे बड़ी समस्या है. यहां कुली की सुविधा नहीं है. यात्रियों को अपना सामान स्वयं ही उठा कर ले जाना पड़ता है. और अगर महिलाएं हो तो उनकी परेशानी और बढ़ जाती है. कोच पोजीशन की नहीं मिलती जानकारी कोच पोजीशन के लिए इंडिकेशन नहीं है. अगर किसी को अपने कोच की जानकारी चाहिए तो ट्रेन की कौन सी बोगी किस जगह लगेगी तो पता ही नहीं चलता. ट्रेनाें का ठहराव दो मिननट होता है. इतने समय में यात्रियों को अपना सामान लेकर आगे से पीछे जाने में ट्रेन कई बार छूट जाती है.रिजर्वेशन की भी है समस्या यहां की सबसे बड़ी समस्या है रिजर्वेशन की है. रिजर्वेशन काउंटर एक ही शिफ्ट खुलता है. सुबह आठ बजे खुल कर दोपहर दो बजे बंद हो जाता है. वहीं, मोहनिया स्टेशन रोड के मुकुल सिंह का कहना है कि रिजर्वेशन के लिए लंबी कतार में लगना पड़ता है. या फिर दलालों का सहारा लेना पड़ता है. यात्रियों को टिकट से ज्यादा पैसे मजबूरी में देना पड़ता है. टिकट काउंटर पर दलालाें का जमावड़ा रहता है. रिजर्वेशन कराने के लिये दूर-दूर से कोचस, परसथुआं, नुआंव, रामगढ़ आदि जगहों से लोग आते हैं . लेकिन, एक शिफ्ट होने की वजह से लोगों को रिजर्वेशन टिकट नहीं मिल पाता, जिससे दलाल मनचाहे दामों पर टिकट बेचते हैं. अगर गरमी की छुट्टी या किसी पर्व में टिकट के लिए जायें तो टिकट मिलना टेढ़ी खीर के बराबर हो जाता है. स्टेशन पर नहीं है पूछताछ केंद्र पूछताछ केंद्र भभुआ रोड स्टेशन पर नहीं है. इससे लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. यात्रियों को बार-बार या तो स्टेशन प्रबंधक से या फिर टिकट काउंटर से ट्रेनों के आवागमन की सूचना लेनी पड़ती है या फिर ट्रेनों की जानकारी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. क्या कहते हैं स्टेशन उपाधीक्षक यहां कुली की सुविधा नहीं है. रिजर्वेशन काउंटर दो शिफ्ट में खुलना चाहिए. कोच पोजिशन व पूछताछ काउंटर आदि सुविधाएं यहां जरूरी है. इसके लिये वरीय अधिकारियों को लिखा गया है. सरोज सिंह, स्टेशन उपाधीक्षक ……………….फोटो……………16.भभुआ रोड स्टेशन 17.टिकट काउंटर …………………………………..
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दर्जा मॉडल स्टेशन का, सुविधाएं नदारद
दर्जा मॉडल स्टेशन का, सुविधाएं नदारद डीआरएम व एडीआरएम के वादे नहीं हुए पूरे प्रतिदिन करीब पांच से छह लाख रुपये का है आमद मोहनिया (नगर) मोहनिया में स्थित भभुआ रोड स्टेशन को मॉडल स्टेशन का दर्जा मिले लगभग आठ साल हो गये. लेकिन, यहां पर सुविधाएं देखी जाये तो ना के बराबर मिलती है. […]
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