भभुआ (नगर) : शिक्षक क्लास रूम में बच्चों को सफाई के महत्व पर रोज शिक्षा देते हैं. लेकिन, स्कूल के बाहर फैली गंदगी और कूड़े के ढेर के बीच बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं. क्लास रूम में सफाई की सीख ओर स्कूल के चहारदीवारी के बाहर पसरी गंदगी यह बताने के लिए काफी है कि स्वच्छता अभियान अभी कागज के पन्नों से धरातल पर नहीं उतर पाया है.
केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान को एक बड़ा मिशन बनाया गया है. सरकार व प्रशासन द्वारा गांवों से लेकर शहरों तक सफाई करने का कोरम जरूर पूरा किया जा रहा है.
लेकिन, हकीकत यही है कि पूरे मन से सफाई अभियान में कोई जुड़ नहीं सका है.
अगर सिर्फ भभुआ शहर की बात करें तो यहां के स्कूलों के आसपास कूड़े का ढेर आसानी से देखने को मिल जायेगा. शहर के राज्य संपोषित गर्ल्स हाइस्कूल व उसके आसपास जमा गंदगी के ढ़ेर से निकल रही दुर्गंध के कारण यहां के शिक्षकों व छात्राओं को काफी परेशानी हर वक्त झेलनी पड़ती है. वहीं, वार्ड नंबर 18 स्थित मध्य विद्यालय वार्ड 14 स्थित प्राथमिक विद्यालय व उर्दू विद्यालय वार्ड नंबर 25 स्थित प्राथमिक विद्यालय के आस पास कूड़े का ढेर सहज ही दिखाई पड़ जाता है.
इन सब के बीच ही बच्चे पढ़ने को विवश हैं. स्वार्थी तत्व फेंक रहे कूड़ा: सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों द्वारा अक्सर स्वच्छता जागरूकता रैली, मतदाता जागरूकता रैली निकाल कर लोगों को उत्प्रेरित किया जाता है. मगर, कुछ स्वार्थी तत्व के लोगों द्वारा स्कूल के आसपास कूड़ा फेंकना की आदत सी बन गयी है, जिससे आये दिन इस समस्या से स्कूली बच्चों सहित आम राहगीरों
को भी नाक पर रूमाल लेकर इस रास्ते से होकर गुजरना
पड़ता है.
अधिकारियों को दी गयी है सूचना
कई बार इस समस्या को लेकर नगर पर्षद प्रशासन और जिला शिक्षा कार्यालय को सूचना दी गयी है. स्कूल के आसपास के लोगों द्वारा स्कूल के बगल में तो कूड़ा फेंका ही जाता है. स्कूल परिसर के अंदर भी कूड़ा फेंक दिया जाता है. इससे काफी परेशानी हो रही है. वहीं, आये दिन स्कूल गेट के बाहर ही निजी गाड़ियां व बड़े वाहन खड़े कर दिये जाते हैं. इससे छात्राओं व शिक्षकों को आने-जाने में काफी कठिनाई होती है.जागेश्वर प्रसाद राम,
हेडमास्टर, राज्य संपोषित बालिका उच्च विद्यालय