भभुआ में दुकानों का किराया पटना व बनारस के बराबर
चौक-चौराहों की दुकानों की पगड़ी पांच से छह लाख
भभुआ (नगर) : अगर आप भभुआ जैसे छोटे शहर में दुकान करने की सोच रहे हैं, तो भभुआ शहर को पटना व बनारस के मुकाबले कम मत आंकिये. यह शहर महानगरों के मुकाबिल किसी दृष्टिकोण से कम नहीं है.
भभुआ में दुकानों का किराया पटना व बनारस जैसे नगरों से भी ज्यादा है. जी हां, चौकिये मत! यह सच है भले ही भभुआ को जिला मुख्यालय का दर्जा तो प्राप्त हो गया है. लेकिन, जिला मुख्यालय होते हुए भी न यहां कोई औद्योगिक प्लांट है, न ही व्यवसाय करने के लिए बहुत बड़ा क्षेत्र. फिर भी भभुआ में एक दुकान करके छोटे-मोटे व्यवसाय के क्षेत्र में कदम डालना लोगों के लिए हिमालय की चोटी चढ़ने से कम भी नहीं.
गौरतलब है कि युवा वर्ग जब सरकारी जॉब की तलाश से थक जाते हैं तो प्राइवेट सेक्टर की ओर रुख करते हैं. वहां सफलता नहीं मिलने पर खुद का छोटा-मोटा व्यवसाय करने का मन बनाते हैं, पर जब उद्देश्य को अंजाम तक पहुंचाने के लिए दुकान लेने की सोचते हैं, तो पता चलता है कि यहां तो दुकान लेने में बेहिसाब तरीके से पगड़ी का खेल चल रहा है. दुकान मालिकों द्वारा दुकान की पगड़ी की डिमांड सुन लोगों के मंसूबे पर पानी फिर जाता.
जैसी जगह वैसा किराया
शहर में साइट के मुताबिक दुकानों का किराया मनमाने तरीके से लिया जाता है. इसमें किसी की नहीं चलती अगर आप चौक चौराहों के साइट पर दुकान लेना चाहते हैं तो अच्छी पगड़ी व अधिक किराया पर दुकानें सहज ही उपलब्ध हो जायेंगी. लेकिन,इसके लिए आपको पांच से छह लाख तक की पगड़ी और 10 से 15 हजार रुपये तक किराया देना पड़ेगा.